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Alkatra Scam: ईडी ने क्लासिक कोल के पवन सिंह की तीन करोड़ की अचल संपत्ति पर किया कब्जा

Coaltar Scam Money Laundering Act Jharkhand News जब्‍त की गई कामर्शियल इकाई रांची के लाइन टैंक रोड स्थित पल्सर प्लाजा के पांचवें तल्ले पर है। मनी लौंड्रिंग एक्ट में कार्रवाई की गई है। पूर्व में भी 3.91 करोड़ की संपत्ति जब्त की जा चुकी है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Wed, 12 May 2021 06:08 PM (IST)Updated: Wed, 12 May 2021 06:12 PM (IST)
Alkatra Scam: ईडी ने क्लासिक कोल के पवन सिंह की तीन करोड़ की अचल संपत्ति पर किया कब्जा
Coaltar Scam, Money Laundering Act, Jharkhand News मनी लौंड्रिंग एक्ट में कार्रवाई की गई है।

रांची, राज्य ब्यूरो। बहुचर्चित अलकतरा घोटाले की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने बुधवार को रांची के लाइन टैंक रोड में पल्सर प्लाजा के पांचवें तल्ले पर स्थित एक कामर्शियल इकाई पर कब्जा किया। यह अचल संपत्ति भी क्लासिक कोल कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड व क्लासिक मल्टीप्लेक्स के नाम पर है, जिसके प्रबंध निदेशक स्व. पवन कुमार सिंह हैं। मनी लौंड्रिंग एक्ट में जब्त इस संपत्ति की कागजी कीमत 1.34 करोड़ रुपये है, जिसका वर्तमान मूल्य तीन करोड़ रुपये है।

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ईडी ने इस बहुचर्चित घोटाले में पूर्व में दो अलग-अलग कार्रवाई के दौरान झारखंड में कुल 3.19 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी। इस कार्रवाई को ईडी की एडजुकेटिंग अथॉरिटी ने भी सही पाया था। इनमें तीन अचल संपत्ति, जिनमें रांची स्थित एक कामर्शियल व एक आवासीय संपत्ति के अलावा रामगढ़ स्थित कुछ प्लॉट भी शामिल थे। सभी संपत्ति क्लासिक कोल कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड, क्लासिक मल्टीप्लेक्स प्राइवेट लिमिटेड से संबंधित हैं।

6.88 करोड़ के घोटाले का है पूरा मामला

अलकतरा घोटाले का यह मामला 6.88 करोड़ रुपये का है। ईडी ने सीबीआइ की रांची स्थित भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) में दर्ज चार प्राथमिकियों में चार्जशीट के आधार पर मनी लौंड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज किया था। यह केस क्लासिक कोल कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड, इसके प्रबंध निदेशक पवन कुमार सिंह (अब स्वर्गीय), दूसरे निदेशक दिलीप कुमार सिंह, झारखंड सरकार के सड़क निर्माण विभाग के 22 इंजीनियर व दो अन्य जालसाजों पर किया गया था। इन कंपनियों को एचपीसीएल, आइओसीएल, बीपीसीएल आदि तेल कंपनियों से अलकतरा लेना था, जो नहीं लिया गया।

कंपनी के निदेशकों ने एचपीसीएल के पश्चिम बंगाल स्थित रामनगर के नाम पर 492 फर्जी व जाली कागजात के आधार दिखाकर 4630 मीट्रिक टन अलकतरा खरीदने का दावा किया और सड़क निर्माण विभाग में कागजात जमा कर भुगतान ले लिया। विभागीय इंजीनियर आदि की मिलीभगत से आरोपितों ने कुल 6.88 करोड़ रुपये का घोटाला किया ओर अवैध संपत्ति बनाई। इस मामले में 31 मार्च 2018 व 24 नवंबर 2020 को रांची स्थित ईडी की विशेष अदालत में ईडी ने दो अलग-अलग अभियोजन शिकायत दायर किया था। इसमें अभी ट्रायल चल रहा है।


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