सावधान ! बल्क मैसेजिंग ऐप के जरिए टेलीकॉम कंपनी और बैंक सर्विस के नाम पर लोगों को ठग रहे साइबर अपराधी
साइबर अपराधियों को उनकी फ्रॉड से रोकने में किए गए तमाम कोशिशों पर वे पानी फेर रहे। बल्क मैसेजिंग सर्विस के इस्तेमाल से लगातार साइबर फ्रॉड लोगों के खातों में सेंध लगाते रहे हैं। इसे देखते हुए बल्क मैसेजिंग सर्विस कंपनियों ने फ्रॉड से संबंधित कंटेंट को बैन कर दिया।
रांची [फहीम अख्तर] । साइबर अपराधियों को उनकी फ्रॉड से रोकने में किए गए तमाम कोशिशों पर वे पानी फेर रहे। बल्क मैसेजिंग सर्विस के इस्तेमाल से लगातार साइबर फ्रॉड लोगों के खातों में सेंध लगाते रहे हैं। इसे देखते हुए बल्क मैसेजिंग सर्विस कंपनियों ने फ्रॉड से संबंधित कंटेंट को बैन कर दिया था। इसके बावजूद अब साइबर फ्रॉड इस बल्क मैसेजिंग सर्विस के कंटेंट में छेड़छाड़ कर लोगों को मैसेज भेज रहे हैं। इन्हीं मैसेज के जरिए वे लोगों को चूना लगा रहे हैं। इन दिनों अलग-अलग सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों जैसे बीएसएनएल, एयरटेल, जियो, वीआई सहित अन्य कंपनियों के नाम पर मैसेज भेजे जा रहे हैं।
लोगों के मोबाइल नंबर पर भेजे गए मैसेज में यह कंटेंट भेजा जा रहा है कि आपका नंबर बंद होने वाला है। केवाईसी अपडेट करा लें। इसके लिए साइबर अपराधी मैसेज की कंटेंट में संपर्क करने के लिए नंबर भेजते हैं। उन नंबरों पर संपर्क करते ही साइबर फ्रॉड लोगों को टीम वीवर, एनीडेस्क, क्विक सपोर्ट सहित अन्य ऐप डाउनलोड करवा कर खातों में सेंध लगा रहे हैं। इसके अलावा रिमोट एडमिनिस्ट्रेशन टूल (आरएटी) के क्रिम्सन मालवेयर भी भेजे जा रहे हैं। इसे लेकर बीएसएनएल सहित कई टेलीकॉम कंपनियों ने अलर्ट जारी किया है। इस अनुरोध पर रांची के साइबर थाने की पुलिस ने भी अलर्ट जारी कर इससे बचने की अपील की है।
ऐसे कंटेंट में छेड़छाड़ कर की जा रही ठगी
साइबर एक्सपर्ट डीएसपी सुमित प्रसाद के अनुसार साइबर फ्रॉड अलग-अलग बल्क मैसेज सर्विस कंपनियों से बल्क मैसेज खरीदते हैं। जिसमें 4000 से लेकर एक लाख तक मैसेज भेजने की लिमिट होती है। इस मैसेज सर्विस में इमीडिएट, ब्लॉक्ड सहित कई शब्द बैन किए गए हैं। ताकि फ्रॉड नहीं किया जा सके। लेकिन इन बैन किए गए शब्दों पर भी कौमा (,), डैश (-), हाइफन (_) जैसे सिंबल डालकर भेजे जा रहे। इससे बैन वर्ड के बावजूद भी लोगों को चूना लगाने के लिए कंटेंट भेजे जा रहे। इस बल्क मैसेजिंग सर्विस प्रोवाइड करने वाली कंपनियों को पता नहीं चल पा रहा और कंपनियों की आंखों में धूल झोंक कर लोगों को झांसे में लिया जा रहा। कंपनियों को जब तक इसकी जानकारी मिलती तब तक सैकड़ों लोग ठगी के शिकार हो चुके होते हैं।
ठगी के ये तरीके अपना रहे साइबर फ्रॉड
- मोबाइल नंबर या बैंक खाता ब्लॉक रहने की बात कह लिंक भेज रहे साइबर अपराधी।
-अलग-अलग नाम पर लिंक भेजकर मोबाइल को रिमोटली एक्सेस करने की कोशिश की जा रही है। इससे मोबाइल पर कंप्यूटर साइबर अपराधियों के कंट्रोल में आ रहा।
-एनी डेस्क, टीम वीवर, क्विक सपोर्ट जैसे ऐप को इंस्टॉल करवा मोबाइल को रिमोटली एक्सेस किया जा रहा या मोबाइल की ऑपरेटिंग सिस्टम लॉक कर यूजर से पैसे मांगे जा रहे।
- बल्क मैसेजिंग ऐप के जरिए भेजा गया मैसेज में संपर्क नंबर डालकर संपर्क करने के लिए कहा जाता है। संपर्क करते ही या तो ओटीपी पूछा जाता है या ऐप डलवा कर मोबाइल हैक कर लिए जा रहे हैं और खाते में से लगाए जा रहे हैं।
बल्क मैसेजिंग सर्विस
बल्क मैसेजिंग सर्विस के जरिए साइबर अपराधी एक साथ हजारों लोगों को टेक्ट मैसेज भेजते हैं। इंटरनेट पर कई बल्क मैसेजिंग सर्विस मौजूद हैं। जिनसे संपर्क कर साइबर फ्रॉड सर्विस खरीद रहे। इसके बाद शुल्क लेकर हजारों मैसेज का ऑप्शन दिया जाता है। उसमें हजारों नंबर एक साथ इंपॉर्ट कर साइबर अपराधी मैसेज भेजते हैं। मैसेज भेजने वालों का जैसे-जैसे कॉल आता है, उनमें ठगी के शिकार होते हैं।
ऐसे बचें फ्रॉड से
- किसी भी टेलीकॉम कंपनी या बैंक सर्विस के नाम पर भेजे गए मैसेज को खुद टेलीकॉम के नजदीकी स्टोर और अपने नजदीकी बैंक शाखा से संपर्क कर सत्यापन कर लें तभी उस पर विश्वास करें।
-फ्रॉड द्वारा पूछे जाने पर कतई बैंक की डिटेल या ओटीपी शेयर न करें।
- साइबर फ्रॉड के द्वारा यदि कोई ऐप डाउनलोड करवाने के लिए कहा जाता है तो कतई उसे डाउनलोड ना करें।
-इस तरह के फ्रॉड से बचने के लिए अपुष्ट स्रोतों से आने वाले कोडेड मैसेज को कतई फॉरवर्ड न करे, ऐसा करने से आप तुरंत ठगे जा सकते हैं, विशेष परिस्तिथि में तत्काल अपने बैंक शाखा से संपर्क कर इसकी जानकारी दें।
बल्क मैसेजिंग ऐप के जरिए टेलीकॉम कंपनी या बैंक सर्विस के नाम पर साइबर फ्रॉड लगातार मैसेज भेज रहे हैं। बल्क मैसेज सर्विस कंपनियों द्वारा बैन किए गए शब्दों को छेड़छाड़ कर मैसेज भेजे जा रहे। इन मैसेज पर कतई विश्वास ना करें और कभी भी इन मैसेज पर दिए गए नंबरों पर संपर्क ना करें। संदेह होने पर तुरंत पुलिस से संपर्क करें।- सुमित प्रसाद, डीएसपी सह साइबर थाना प्रभारी रांची।