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Akshay Navami 2019: अक्षय नवमी पर आज अभिजीत मुहूर्त में करें भगवान विष्णु की आराधना

akshaya navami 2019 सूर्योदय से 1154 तक पूजा अर्चना के लिए शुभ मुहूर्त है। आज के दिन आंवला पेड़ के नीचे भोजन बनाकर ब्राह्मणों को खिलाने की परंपरा है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Tue, 05 Nov 2019 05:16 AM (IST)Updated: Tue, 05 Nov 2019 05:16 AM (IST)
Akshay Navami 2019: अक्षय नवमी पर आज अभिजीत मुहूर्त में करें भगवान विष्णु की आराधना
Akshay Navami 2019: अक्षय नवमी पर आज अभिजीत मुहूर्त में करें भगवान विष्णु की आराधना

रांची, जेएनएन। akshaya navami 2019 कार्तिक शुक्ल पक्ष नवमी तिथि को अक्षय नवमी या आंवला नवमी भी कहा जाता है। इस बार अक्षय नवमी मंगलवार को मनेगी। भगवान विष्णु की विशेष पूजा अर्चना होगी। मान्यता है कि इस दिन आंवला पेड़ के नीचे किए गए धार्मिक कार्य का कभी क्षय नहीं होता है। संतान पर सदैव भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है।

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आज के दिन आंवला पेड़ के नीचे भोजन बनाकर ब्राह्मणों को खिलाने की परंपरा है। वैशाख मास के अक्षय तृतीया की भांति ही इस मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रात: स्नान के बाद जरूरतमंदों के बीच दान दक्षिणा देंगे। नदी, जलाशयों में सुबह से ही श्रद्धा की डुबकी लगाने के लिए भीड़ जुटेगी। पूजा अर्चना के बाद ब्राह्मण भोज का दौर आरंभ होगा। संध्या तक लोग यथासंभव ब्राह्मणों को भोजन व दान-दक्षिणा देंगे।

अक्षय नवमी के दिन ही श्रीकृष्ण ने किया था कंस का वध

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार अक्षय नवमी के दिन ही श्रीकृष्ण ने कंस का वध कर लोगों को अत्याचार से मुक्ति दिलायी थी। दूसरी मान्यता ये भी है कि अक्षय नवमी से कार्तिक पूर्णिमा तक भगवान विष्णु आंवला पेड़ पर ही विराजमान रहते हैं। इसी कारण आंवला को अमरत्व का फल भी कहा जाता है। साथ ही, इसी दिन से द्वापर युग की शुरुआत मानी जाती है।

स्नान-दान के लिए सुबह 6 बजे से 11:54 तक शुभ मुहूर्त

ज्योतिष एसके घोषाल के अनुसार अक्षय नवमी के दिन पूजा अर्चना एवं दान-दक्षिणा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह छह बजे से 11:54 तक है। दोपहर 2:18 से राहु काल आरंभ हो जाता है। ऐसे में पूजन के लिए सुबह का काल सर्वोत्तम है। अक्षय नवमी के दिन भगवान विष्णु के साथ तुलसी की पूजा विशेष फलदायी माना जाता है।

बंगाली समाज मां शेरा वाली के जगद्धात्री रूप का करेंगे पूजन

अक्षय नवमी का दिन बंगला समाज के लिए भी विशेष शुभ दिन माना गया है। इस दिन मां शेरो वाली के जगद्धात्री रूप की पूजा-अर्चना की जाएगी। बंगाल में मां जगद्धात्री की पूजा प्रतिमा स्थापित कर की जाती है। दूसरे दिन विधि विधान पूर्वक विसर्जन किया जाता है। राजधानी में बांग्ला भाषी विधिविधान पूर्वक माना की आराधना करेंगे।


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