पारा शिक्षकों के मुद्दों पर राजनीति गरम, इधर हड़ताल उधर बर्खास्त करने की तैयारी
सरकार में शामिल आजसू सहित कई दलों ने पारा शिक्षकों पर लाठी चार्ज की निंदा की है। राजद ने लाठीचार्ज के विरोध में जिला मुख्यालयों में पुतला दहन का फैसला किया है।
रांची, राज्य ब्यूरो। पारा शिक्षकों के मुद्दों पर राजनीति भी गरम हो गई है। सभी विपक्षी पार्टियां पारा शिक्षकों की मांगों को जायज ठहराते हुए उनके आंदोलन का समर्थन कर रही हैं, वहीं पार्टियों ने गुरुवार को उनपर हुए लाठी चार्ज की कड़ी निंदा की है।
सरकार की सहयोगी पार्टी आजसू ने भी इस घटना को अलोकतांत्रिक बताया है। आजसू के केंद्रीय महासचिव लंबोदर महतो ने कहा है कि सरकार को पारा शिक्षकों के साथ वार्ता कर उनकी मांगों पर सकारात्मक निर्णय लेना चाहिए था। इसके बजाए उनपर की गई कार्रवाई लोकतांत्रिक व्यवस्था के अनुकूल नहीं है। उन्होंने पारा शिक्षकों की मांगों पर उचित निर्णय लेने की भी मांग सरकार से की है।
इधर, झाविमो के केंद्रीय प्रवक्ता योगेंद्र प्रताप ने कहा है कि अपने हक-अधिकार की मांग कर रहे पारा शिक्षकों पर इस तरह की घटना की पार्टी निंदा करती है। इधर, विधायक इरफान अंसारी ने कहा है कि पारा शिक्षकों पर लाठीचार्ज लोकतंत्र पर हमला है। राजद ने इस घटना के विरोध में सभी जिला मुख्यालयों में राज्य सरकार का पुतला जलाने की घोषणा की है।
पारा शिक्षकों के समर्थन में उतरा शिक्षक संघ : शिक्षक संघ भी पारा शिक्षकों के समर्थन में उतर आया है। अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने पारा शिक्षकों पर लाठी चार्ज की निंदा की है। साथ ही इस स्थिति के लिए विभागीय पदाधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है। संघ के अध्यक्ष बिजेंद्र चौबे, महासचिव राममूर्ति ठाकुर तथा प्रवक्ता नसीम अहमद ने इनकी मांगों को जायज ठहराते हुए सरकार से हठधर्मिता छोडऩे की मांग की है।