विमान हुआ खराब तो कोलकाता से बुलाने होंगे इंजीनियर
नरेंद्र मिश्रा, रांची : रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर एयरक्राफ्ट टेक्निकल मेंटीनेंस की कोई सुविधा
नरेंद्र मिश्रा, रांची : रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर एयरक्राफ्ट टेक्निकल मेंटीनेंस की कोई सुविधा नहीं है। अगर रांची एयरपोर्ट पर विमान में तकनीकी खराबी आ जाए तो कोलकाता, दिल्ली या फिर मुंबई से एयरक्राफ्ट इंजीनियर बुलाने पड़ते हैं। यहां तक की जरुरी उपकरण भी दूसरे एयरपोर्ट से ही मंगाने पड़ते हैं। एकबार अगर विमान में खराबी आ जाए तो दोबारा विमान की मरम्मत कितने देर में होगी इसकी कोई गारंटी नहीं है। कारण दूसरे बेस स्टेशन से मदद मुहैया होने में घंटों का वक्त लग जाता है। कई बार समय पर इंजिनीयर और पाटर््स उपलब्ध न होने के कारण उड़ान रद भी करना पड़ती है। इस दौरान यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। विमान सेवा शुरु हुए लंबा अरसा गुजर जाने के बाद भी एयरक्राफ्ट मेंटिनेंस को लेकर अथॉरिटी की ओर से ठोस पहल नहीं की गई।
सिर्फ विमानों की रूटीन चेकिंग की है व्यवस्था-
रांची एयरपोर्ट पर विभिन्न एयरलाइंसों की ओर से इंजीनियरों की तैनाती तो की गई है, लेकिन इंजिनीयरों का काम विमानों के रूटीन चेकअप तक ही सीमित है। विमान टेक ऑफ से पहले विमान में तकनीकि खामियां खोजने के अलावा इंजीनियर कुछ नहीं सकते। कारण रांची एयरपोर्ट पर न तो विमान मरम्मत से संबंधित पर्याप्त उपकरण की व्यवस्था की गई है और न ही यहां पर पाटर््स उपलब्ध रहते हैं। विमान में एक छोटे से नट की जरुरत पड़े तो वह भी कोलकाता से मंगाना पड़ता है।
नहीं बन पाया बेस स्टेशन
रांची एयरपोर्ट अभी तक बेस स्टेशन के तौर पर स्थापित नहीं हो पाया है। यहां से प्रतिदिन देश के कई शहरों के लिए कुल 27 विमान उड़ान भरते हैं, लेकिन यहां पर विमान के यात्रियों का ठहराव नहीं होता है। बेस स्टेशन न होने के कारण विमान में तकनीकि खराबी आने पर दूसरे बेस स्टेशन से मदद लेनी पड़ती है।
रांची एयरपोर्ट जल्द ही बेस स्टेशन के तौर पर जाना जाएगा। इस ओर कवायद शुरु हो चुकी है। एयरक्राफ्ट मेंटीनेंस को लेकर संसाधनो से लैश सेंटर भी खोला जाएगा। एयरलाइंस कंपनियां और अथॉरिटी इस दिशा काम कर रही हैं।
- मनोज प्रसाद सिंह, टर्मिनल मैनेजर, बिरसा मुंडा एयरपोर्ट रांची।