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नगर निगम ने देवकमल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के साथ करार किया खत्म, नोटिस

रांची रांची नगर निगम ने देवकमल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के साथ किए गए करार को रद कर दिया है। साथ ही अस्पताल खाली करने का नोटिस भी जारी किया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 30 Nov 2020 06:58 AM (IST)Updated: Mon, 30 Nov 2020 06:58 AM (IST)
नगर निगम ने देवकमल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के साथ करार किया खत्म, नोटिस
नगर निगम ने देवकमल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के साथ करार किया खत्म, नोटिस

जागरण संवाददाता, रांची : रांची नगर निगम ने देवकमल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के साथ किए गए अपने करार को रद करते हुए संबंधित एजेंसी को टर्मिनेट कर दिया है। निगम ने देवकमल हॉस्पिटल प्रबंधन को नोटिस भेज कर तीन दिनों के अंदर रातू रोड चौराहे पर स्थित नगर निगम के अस्पताल को खाली करने का आदेश दिया है। वर्ष 2014 में निगम ने देवकमल हॉस्पिटल से 10 साल के लिए रातू रोड चौराहे पर स्थित निगम का अस्पताल चलाने का करार किया था। लेकिन दोनों के बीच हुए करार की शर्तों का उल्लंघन बताकर निगम ने देवकमल हॉस्पिटल को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। टर्मिनेट करने से पहले रांची नगर निगम ने एक सितंबर 2020 को पहले देवकमल हॉस्पिटल को कारण बताओ नोटिस भी दिया था, जिसका जवाब देवकमल प्रबंधन ने 21 सितंबर को निगम को दिया था। लेकिन देवकमल हॉस्पिटल के जवाब से निगम संतुष्ट नहीं हुआ। न मिला टैक्स और न सुविधाएं : नगर निगम ने हॉस्पिटल संचालन के लिए पीपीपी मोड पर देवकमल अस्पताल को दे दिया था। साथ ही नगर निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों को भी इलाज में 10 से 20 फीसदी तक रियायत देने की बात कहीं गए थी। अस्पताल का 20 फीसदी बेड निगमकर्मियों के लिए रिजर्व रखना था। साथ ही उन्हें इमरजेंसी सुविधा व इलाज मुफ्त में करना था। इतना ही लाइसेंस फीस के रूप में निगम को कमाई का 10 फीसदी हिस्सा का भुगतान भी निगम को करना था। लेकिन, आज तक न तो नगर निगम को उस अस्पताल से एक रुपये का भी राजस्व मिला और न ही नगर निगम के अधिकारियों व कर्मियों को वहां पर इलाज की सुविधा मिली। इतना ही नहीं मरीजों को प्राइवेट हॉस्पिटलों की तरह ही कंसल्टेंसी फीस भी चुकानी पड़ी। इस वजह से इलाज के लिए लोगों ने वहां जाना ही छोड़ दिया है। प्राइवेट अस्पतालों की तरह ली जा रही फीस : नगर निगम ने जब हॉस्पिटल की शुरुआत की थी तो मरीजों से रजिस्ट्रेशन के लिए 5 रुपये लिए जाते थे। वहीं, दवाएं भी उन्हें मुफ्त में उपलब्ध कराई जाती थी। लेकिन निजी हाथों में सौंपने के बाद मरीजों को डॉक्टर से दिखाने के लिए दो से ढाई सौ रुपए तक फीस कर दी गई। दवा के लिए भी उन्हें काफी पैसे खर्च करने पड़े। ऐसे में लोगों ने वहां के डाक्टरों से दिखाने से अच्छा किसी और हॉस्पिटल में दिखाना बेहतर समझा। नए सिरे से होगा अस्पताल का संचालन : हेल्थ ऑफिसर डा. किरण ने बताया कि देवकमल से अस्पताल लेने के बाद निगम नये सिरे से अस्पताल का संचालन कराएगा। इसके लिए निविदा निकाली जाएगी। चयनित संस्थान को निगम पीपीपी मोड पर अस्पताल चलाने को देगा। अस्पताल को अपग्रेड करने के लिए तमाम जरूरी कदम उठाए जाएंगे। यहां किफायती दर पर मरीजों को इलाज किया जाएगा। बेहतर ट्रीटमेंट को लेकर स्पेशलिस्ट डाक्टर्स मौजूद रहेंगे और जरूरी दवाएं सस्ती दर पर मरीजों को उपलब्ध कराई जाएंगी। निगमकर्मियों को रियायत दर पर बेहतर इलाज की सुविधा मिलेगी। उन्हें निजी अस्पताल में भटकने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

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