मेडिकल कचरे पर हाई कोर्ट के तेवर तल्ख, सरकार को लगाई कड़ी फटकार Ranchi News
Jharkhand High Court प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने हाई कोर्ट को बताया कि मेडिकल कचरे के निस्तारण के लिए तीन जगहों पाकुड़ मेदिनीनगर और बरही में प्लांट बनाने का प्रस्ताव है।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड हाई कोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस एचसी मिश्र व जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की खंडपीठ में शुक्रवार को मेडिकल बायो वेस्ट के निस्तारण को लेकर सुनवाई हुई। इस दौरान अदालत ने कहा कि सरकार मामले को गंभीरता से नहीं ले रही है। राज्य सरकार और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में कोई तालमेल नहीं है। फटकार लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार का काम प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा क्यों किया जा रहा है। अदालत ने दोनों को एक साथ बैठकर मेडिकल बायो वेस्ट के निस्तारण को लेकर प्लान बनाने का निर्देश दिया है। मामले में अगली सुनवाई 22 नवंबर को होगी।
सुनवाई के दौरान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से एक शपथ पत्र दाखिल किया गया। इसमें कहा गया है कि सिंदरी में नया प्लांट बनाया जाना प्रस्तावित है और इसके लिए जमीन भी चिह्नित कर ली गई है। हालांकि, इसकी पर्यावरण स्वीकृति अभी लंबित हैं। इसके अलावे पाकुड़, डालटनगंज (मेदिनीनगर) और बरही में इंसीनिरेटर बनाने का प्रस्ताव है। इसके लिए विज्ञापन जारी किया गया है। इसका निर्माण मेसर्स ग्र्रीनलैंड वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी करेगी।
लोहरदगा और रामगढ़ का प्लांट कार्य कर रहा है। आदित्यपुर में नए प्लांट का निर्माण पूरा हो गया है, दो सप्ताह में इसके चालू होने की संभावना है। रिम्स और एमजीएम अस्पताल का अपना प्लांट है। इसमें यहां से निकलने वाले मेडिकल कचरे का निस्तारण किया जाता है। इस दौरान अधिवक्ता समावेश भंजदेव ने प्रार्थी की ओर से पक्ष रखा। बता दें कि झारखंड ह्यïूमन राइट्स कांफ्रेंस की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर मेडिकल बायो वेस्ट के उचित निस्तारण की मांग की है।