रांची के हिंदपीढ़ी में युवक की हत्या के बाद हो रही थी आगजनी, आराम फरमा रहे थे थाना प्रभारी
स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर पुलिस सक्रिय होती तो हत्या की वारदात टाली जा सकती थी। जब लोगों ने थाने को सूचना दी तो पुलिस मौका-ए-वारदात पर देर से पहुंची। समय से नहीं पहुंचने से लोगों में काफ नाराजगी है। इलाके में तनाव है।
रांची, (जागरण संवाददाता) : राजधानी रांची के हिंदपीढ़ी थाना क्षेत्र के हिंदपीढ़ी ग्वाला टोली चौक पर दबंग युवक शनिवार की रात आधे घंटे तक बवाल काटते रहे। महफूज आलम को घेर कर विवाद हो रहा था। इस दौरान आसपास के लोगों ने हिंदपीढ़ी थाना प्रभारी को घटना की सूचना दे दी थी, लेकिन पुलिस मौके पर नहीं पहुंची। हत्या की घटना होने के लगभग 15-20 मिनट बाद हिंदपीढ़ी थाने के कुछ जवान घटनास्थल पर पहुंचे।
बताया गया कि युवक की हत्या होने के बाद उग्र भीड़ आरोपित के घर को आग लगा रही थी। तब तक हिंदपीढ़ी थाना प्रभारी अपने रूम में आराम कर रहे थे। पुलिस के आला अधिकारियों ने जब उन्हें फटकार लगाई, तब वह घटनास्थल पर पहुंचे। इसके बाद पुलिस ने दमकल वाहन को आग बुझाने के लिए फोन किया।
बताते हैं कि दबंग युवकों के साथ महफूज आलम का कई दिनों से विवाद चल रहा था। उन्होंने इसकी सूचना पहले भी हिंदपीढ़ी थाना प्रभारी को दी थी। लेकिन थाना प्रभारी ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके चलते दबंगों के हौसले बढ़ते गए। उन्होंने शनिवार की रात महफूज आलम की गोली मारकर हत्या कर दी।
इस पूरे घटनाक्रम में पुलिस ने जो सुस्ती बरती है, उससे इलाके के लोगों में खासी नाराजगी है। यही नहीं पुलिस की छवि पर भी काफी असर पड़ा है। लोग सवाल कर रहे हैं कि आखिर पुलिस किस लिए है। क्या हत्या की घटना के बाद पुलिस का काम सिर्फ पंचनामा कर शव का पोस्टमार्टम कराने का है। लोगों का कहना है कि अगर पुलिस ने महफूज आलम की पहले की शिकायत पर कार्रवाई की होती और दबंग युवकों को बुलाकर डांट फटकार भी लगाई होती, तो हत्या की घटना टाली जा सकती थी। यही नहीं, शनिवार की रात जब युवक महफूज आलम को घेर कर उससे विवाद कर रहे थे तब भी सूचना मिलने पर अगर पुलिस पहुंच जाती तो घटना नहीं होती।