Ranchi-Tata Express Way: आयोग की अनुमति के बाद शुरू होगा NH 33 का काम
Ranchi-Tata Express Way NH 33. हाई कोर्ट में एनएचएआइ ने बताया कि बाकी बचे काम के लिए चार कंपनियों को टेंडर दिया गया है। कार्यादेश के लिए चुनाव आयोग से अनुमति मांगी गई है।
रांची, राज्य ब्यूरो। Ranchi-Tata Express Way NH 33 झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस अपरेश कुमार सिंह व जस्टिस एके चौधरी की अदालत में रांची-जमशेदपुर फोरलेन निर्माण मामले में सुनवाई हुई। इस दौरान एनएचएआइ ने कहा कि बाकी बचे काम के लिए चार टेंडर निकाले गए थे। चार कंपनियों को टेंडर भी दे दिया गया है। कार्यादेश देने के लिए चुनाव आयोग से अनुमति मांगी गई है। आयोग की अनुमति मिलने के बाद कार्य शुरू कर दिया जाएगा। इसके बाद अदालत ने संवेदक कंपनी और बैंक को जवाब देने का निर्देश दिया है। मामले में अगली सुनवाई दो मई को होगी।
सुनवाई के दौरान एनएचएआइ की ओर से शपथ पत्र दाखिल किया गया। जिसमें कहा गया कि सड़क निर्माण से जुड़े कुछ कार्यों के लिए राज्य सरकार को भी राशि देनी है, लेकिन सरकार राशि आवंटित नहीं कर रही है। राशि जारी होने के बाद उससे संबंधित कार्य किए जाएंगे। एनएचएआइ की ओर से अदालत को यह भी बताया गया कि फोरलेन सड़क का निर्माण करने वाली कंपनी रांची एक्सप्रेस वे का एग्र्रीमेंट बर्खास्त कर दिया गया है। इसलिए अब उक्त जनहित याचिका के साथ इसकी सुनवाई नहीं की जानी चाहिए। कंपनी की ओर से इसके लिए अलग से उचित फोरम में याचिका दाखिल करनी चाहिए।
फॉरेंसिक ऑडिट पर हो रहा विचार
सीबीआइ की ओर से अदालत को बताया गया कि इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। इसके लिए सीबीआइ की आर्थिक अपराध शाखा व भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो जांच कर सकती है। इसलिए एसीबी में मामला दर्ज किया गया है। पूर्व में इस मामले की एसएफआइओ (सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस) ने जांच की है। दस्तावेजों की फॉरेंसिक ऑडिट की जानी है। ऑडिट कैसे कराया जाए, इस पर सीबीआइ मुख्यालय विचार कर रहा है।
एनएचएआइ से हो रही बातचीत
रांची-जमशेदपुर फोरलेन का निर्माण करने वाली पूर्व कंपनी रांची एक्सप्रेसवे की ओर से अदालत को बताया गया कि एनएचएआइ की ओर से उनका टेंडर रद कर दिया गया है। वन टाइम सेटलमेंट को भी खारिज कर दिया गया है, फिलहाल कंपनी की ओर से इसको लेकर एनएचएआइ के अधिकारियों के साथ बातचीत चल रही है।