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रांची में ये हाल: सर्दी, खांसी, बुखार और सांस लेने में परेशानी, जांच कराने से परहेज कर रहे ग्रामीण

राजधानी रांची के जिला मुख्यालय से पंद्रह किलो मीटर की दूरी पर स्थित गांव कोकदोरो। कांके प्रखंड के पिठोरिया इलाके के कोकदोरो पंचायत के अंतर्गत आने वाले पांच गांवों में से एक गांव। करीब 550 घर आबादी 4000 वोटर लगभग 1500।

By Vikram GiriEdited By: Published: Fri, 14 May 2021 03:56 PM (IST)Updated: Fri, 14 May 2021 03:56 PM (IST)
रांची में ये हाल: सर्दी, खांसी, बुखार और सांस लेने में परेशानी, जांच कराने से परहेज कर रहे ग्रामीण
रांची में ये हाल: सर्दी, खांसी, बुखार और सांस लेने में परेशानी, जांच कराने से परहेज कर रहे ग्रामीण। जागरण

रांची (कोकदोरो से लौट कर) [ब्रजेश मिश्र] । राजधानी रांची के जिला मुख्यालय से पंद्रह किलो मीटर की दूरी पर स्थित गांव कोकदोरो। कांके प्रखंड के पिठोरिया इलाके के कोकदोरो पंचायत के अंतर्गत आने वाले पांच गांवों में से एक गांव। करीब 550 घर, आबादी 4000,  वोटर लगभग 1500। इसमें से अधिकांश लोग मुस्लिम हैं। ईद की पूर्व संध्या पर गांव के लोग सहमे हुए हैं। करीब तीन दर्जन से अधिक लोग बीमार हैं। किसी को सर्दी है। किसी को खांसी है। कोई बुखार से परेशान हैं। कई लोगों को सांस लेने में तकलीफ है। कई लोगों को गले में दिक्कत है। गंध और स्वाद का पता नहीं चल रहा। इन सबके बावजूद गांव में कोई किसी को कोरोना पीड़ित नहीं मान रहा। कोरोना के लक्षण से कहीं ज्यादा दहशत बीमारी के नाम को लेकर है।

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गांव में अलग-अलग परिवारों के तीन लोगों की मौत हो गई है। गांव के लोग इन सभी मौतों की अलग-अलग वजह बता रहे हैं। गांव के अंदर अधिकांश घरों के दरवाजे बंद हैं। कुछ लोग खेत-खलिहान, बाजार, शहर से आते-जाते दिखाई दे रहे हैं। एक्का-दुक्का लोगों के चेहरे पर मास्क दिखाई दे रहा है। पूछने पर बस इतना कहते हैं कि हां, बीमारी तो आई है लेकिन अब तक गांव में कोई कोरोना से पीड़ित नहीं है। अलग-अलग घरों में बीमार लोगों को मलेरिया, टाइफाइड, सामान्य सर्दी-जुखाम का मरीज माना जा रहा है।

गांव-गिराव में घूमने वाले झोला छाप डॉक्टरों और चौक-चौहारे के दवा दुकानाें में काम करने वाले कर्मचारियों की ओर से बताई गई जानकारी का हवाला दिया जा रहा है। गांव की उप मुखिया शकुंतला देवी दावा करती हैं कि इलाके में मलेरिया व टाइपाइड के मरीज हैं। कोरोना की जांच के लिए दो बार पंचायत स्तर पर शिविर लगा। लोग कोरोना की जांच कराने के लिए नहीं पहुंचे। इस दौरान टीकाकरण की भी व्यवस्था की गई थी। जागरूकता के अभाव में अधिकांश लोगों ने टीकाकरण नहीं कराया। उप मुखिया ने कहा कि पंचायत के अंतर्गत आने वाले पांच गांवों में से प्रत्येक में एक बार के अंतर्गत तीन से चार लोगों की मौतें हुई हैं। इसमें से किसी की कोरोना जांच नहीं हुई थी। इस कारण यह नहीं कहा जा सकता है कि गांव में कोरोना से मौत हुई है।

गांव के लोगों की राय में

लोग बीमार हैं। मलेरिया व टाइफाइड की जांच करा रहे हैं। परिजन दावा कर रहे हैं कि यह दोनों बीमारियां फैली हुई हैं। कोरोना की जांच के लिए दो बार कैंप लगा। टीकाकरण भी किया जा रहा था। अधिकांश लोगों ने टीका नहीं लगवाया। एक माह में पंचायत के हर गांव में तीन से चार लोगों की मौत हुई है। लोग इसकी अलग-अलग वजह बता रहे हैं। - शकुंतला देवी, उप मुखिया

कोकदोरो सहित पंचायत के अंतर्गत आने वाले सभी गांवों में मलेरिया और टाइफाइड फैला हुआ है। लोग चौक-चौहारे पर दुकान खोलकर बैठे मेडिकल प्रैक्टिसनर से इलाज करा रहे हैं। कोरोना की जांच कराने से लोग परहेज कर रहे हैं। जिला प्रशासन की ओर से कोरोना के टीकाकरण के लिए कैंप लगाया गया था। जागरूता के अभाव में अधिकांश लोगों ने वैक्सीन नहीं लगवाई। - रणधीर सिंह, समाजसेवी

कोरोना की दहशत है। अब तक गांव में बीमारी के मिलने की पुष्टि नहीं हुई है। कुछ लोग बीमार हैं। किसी को सर्दी-जुखाम हुआ है। कोई बुखार और सांस की परेशानी से पीड़ित है। चौक-चौहारे और गांव में आने वाले मेडिकल प्रैक्टिसनर से ही दवा लेकर लोग अपना-अपना इलाज कर रहे हैं। पिछले एक माह में गांव में तीन मौते हुई हैं। किसी में कोरोना की पुष्टि नहीं हुई है।- इमरान, स्थानीय युवक

बीमारी को लेकर लोगों में जानकारी से अधिक दहशत है। जिला प्रशासन और जन प्रतिनिधियों से हम अपील करते हैं कि वह सबसे पहले जागरूकता अभियान चलाएं। इससे लोगों तक सही जानकारी पहुंचेगी। किसी भी बीमारी की जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कोई दावा किया जा सकता है। गांव में बीमार लोग मलेरिया, टाइफाइड और वायरल फीवर की दवा करा रहे हैं। - सुल्तान आदिल, समाजसेवी

प्रशासन का दावा, हर पंचायत में लग रहा शिविर, जांच व टीकाकरण् की व्यवस्था

कांके प्रखंड के बीडीओ शीलवंत भट्ट ने कहा कि ग्रामीण इलाके में कोरोना महामारी के प्रसार को रोकने के लिए जिला प्रशासन के स्तर से सभी जरूरी ऐहतियादी कदम उठाए जा रहे हैं। प्रखंड के सभी पंचायतों में कैंप लगाकर टीकाकरण और जांच कराई जा रही है। अलग-अलग पंचायत में अलग-अलग दिन शिविर लग रहे हैं। इसके अलावा गांव में लोगों को जागरूक करने के लिए जल सहिया से लेकर आंगनबाड़ी सेविका तक को जिम्मेदारी दी गई है। मुखिया, उप मुखिया सभी लोगों को कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति बीमार होता है तो तत्काल उसकी जांच कराएं। गांव मे दवाईयां तक भेज दी गई हैं। यह दवाएं तत्काल बीमार लोगों के बीच वितरित करने के लिए कहा गया है।


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