Jharkhand Budget Session: पारा शिक्षकों के स्थायीकरण पर प्रशासनिक सुधार आयोग लेगा फैसला
Jharkhand Assembly. ध्यानाकर्षण के दौरान सुदेश महतो के सवाल पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का जवाब। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि 17 सालों में इन लोगों ने कुछ नहीं किया।
रांची, राज्य ब्यूरो। पारा शिक्षकों के नियमितीकरण और स्थायीकरण के मसले पर प्रशासनिक सुधार आयोग निर्णय लेगा। गुरुवार को विधानसभा में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ध्यानाकर्षण के दौरान आजसू पार्टी के सुदेश कुमार महतो द्वारा उठाए गए सवाल पर सदन को यह विश्वास दिलाया। सीएम ने कहा कि आयोग की अनुशंसा पर पारा शिक्षकों के नियमितीकरण और स्थायीकरण पर फैसला लिया जाएगा।
सुदेश महतो के सवाल के जवाब में मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा कि सरकार पारा शिक्षकों के मामले को लेकर गंभीर है। सभी सदस्यों की भी चिंता है। नियमावली बनाते हुए तत्पर कार्रवाई की जाएगी। यह भी कहा कि इससे जुड़े कई मामले उच्च न्यायालय में भी चल रहे हैं। पिछली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछली सरकार ने पारा टीचर पर लाठी चलवाई, उन्हें जेल में डाला गया। आजसू के सुदेश महतो द्वारा यह कहने पर कि यह पॉजिटिव जवाब नहीं है, मंत्री ने कहा कि नियमावली बनाने के बाद सभी पारा शिक्षकों की मांग पूरी की जाएगी। मंत्री ने एक बार फिर दोहराया कि सरकार पारा शिक्षकों पर लाठी नहीं चलाएगी।
मंत्री के जवाब से सुदेश के संतुष्ट न होने पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हस्तक्षेप किया। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक सुधार आयोग बन चुका है। जिस विभाग में जिन लोगों की आवश्यकता होगी, उन्हें भरा जाएगा। यह भी कहा कि कल ही मैंने खाद्य आपूर्ति की समीक्षा के दौरान पाया कि हमारे अनाज के गोदामों की पहरेदारी और हिसाब-किताब के लिए कर्मचारी नहीं हैं। ऐसे सभी जगह या तो नियुक्ति की जाएगी या कई विभाग जहां कर्मचारी बेकार बैठे हैैं, उनका समायोजन किया जाएगा। प्रश्नकर्ता द्वारा यह कहने पर कि यह पारा शिक्षकों के संदर्भ में दिया गया स्पष्ट जवाब नहीं है, मुख्यमंत्री ने कहा कि पारा टीचर भी तो कर्मचारी ही हैं।
आयोग गठित तो गया है। पारा टीचर पर आयोग की अनुशंसा पर विचार होगा। हमें शिक्षकों की आवश्यकता है। जो लोग हैं उनके बारे में विचार करेंगे, आवश्यकता पड़ेगी तो और लोगों पर भी विचार करेंगे। मुख्यमंत्री के जवाब पर भाजपा विधायक सीपी सिंह ने चुटकी ली कि सरकार लंबा-लंबा दे रही है। एक लाइन में जवाब दें कि पारा शिक्षक का नियमितीकरण और स्थायीकरण कब तक होगा। सीपी सिंह पर पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सीपी सिंह ने एक लाइन में पूछा है तो बता रहे हैं कि आयोग की अनुशंसा पर निर्णय लिया जाएगा। 17 सालों में इन लोगों ने तो कुछ किया नहीं। अब हम आगे बढ़ रहे हैं।
एमएलए फंड चार करोड़ से बढ़ाकर दस करोड़ करने पर एकजुट हुए विधायक
अमूमन सदन में पक्ष-विपक्ष में नोकझोंक होती है, लेकिन गुरुवार को सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों ने एक स्वर में विधायक निधि को बढ़ाने की मांग की। शून्य काल में करीब एक दर्जन से अधिक विधायकों ने विधायक फंड को चार करोड़ से बढ़ाकर दस करोड़ करने की मांग की। शून्य काल में सबसे पहले इस मामले को विधायक उमाशंकर अकेला ने उठाया।
इसके बाद जेपी पटेल, किशुन कुमार दास, मथुरा महतो, अंबा प्रसाद, अपर्णा सेन गुप्ता, इंद्रजीत महतो, बिरंची नारायण, अमित यादव, लंबोदर महतो, आलोक चौरसिया, नमन विल्सन कोंगाड़ी व नारायण दास ने अपनी शून्य काल सूचना के दौरान विधायक निधि फंड को चार करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ करने की मांग की। भाजपा विधायक शशि भूषण मेहता ने तो इसे 15 करोड़ करने की मांग की। माले विधायक विनोद सिंह ने भी इसी बात को अपने अंदाज में कहा। कहा, मोदी सरकार में रुपये की हालत दिनों दिन गिर रही है। फंड को बढ़ाया जाए।