प्रशासनिक अधिकारी हड़ताल पर, दफ्तरों में पसरा सन्नाटा; काम ठप
बरकट्ठा के सीओ मनोज कुमार तिवारी के साथ धक्का-मुक्की व गालीगलौज से प्रशासनिक महकमा में आक्रोश है।
रांची/जमशेदपुर, जेएनएन। झारखंड प्रशासनिक सेवा संघ (झासा) के अधिकारी आज भी हड़ताल पर हैं। राज्य सरकार ने समझौते का फार्मूला दिया है, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि जब तक इसका आदेश नहीं निकलता वे काम पर नहीं लौटेंगे। इस स्थिति के कारण जिलों के समाहरणालय में सन्नाटा पसरा है।
राज्य के अधिकारी भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा रिश्वतखोरी के आरोप में गिरफ्तारी की प्रक्रिया का विरोध कर रहे हैं। हजारीबाग में एसीबी ने जिस तरह से बरकट्ठा के सीओ मनोज कुमार तिवारी के साथ धक्का-मुक्की व गालीगलौज की, उससे प्रशासनिक महकमा में आक्रोश है।
समाहरणालय में सन्नाटा
जमशेदपुर: पूर्वी सिंहभूम के प्रशासनिक अधिकारी सामूहिक अवकाश पर चले गए हैं, जिससे जिला समाहरणालय में सन्नाटा पसरा हुआ है। अधिकारी समाहरणालय आए थे, लेकिन कोई अपने कक्ष या चैंबर में नहीं गया। अनुसचिव संवर्ग के कर्मचारी भी झासा (झारखंड एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विसेज एसोसिएशन) का नैतिक समर्थन कर रहे हैं। झासा भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के काम करने के तरीके का विरोध कर रहा है।
राजस्थान जैसा प्रावधान चाह रही झासा
झारखंड प्रशासनिक सेवा संघ के सदस्य राजस्थान जैसा प्रावधान सूबे में चाह रहे हैं। झासा के पूर्वी सिंहभूम अध्यक्ष विश्वनाथ माहेश्वरी ने बताया कि एसीबी सरकारी अधिकारियों की गिरफ्तारी नियंत्रक पदाधिकारी की अनुमति के बिना नहीं करे। गिरफ्तारी मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में की जाए, तो पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी होनी चाहिए।
झासा अधिकारी सामूहिक अवकाश पर
झारखंड सरकार के प्रशासनिक अधिकारी आज से सामूहिक अवकाश पर हैं। यह निर्णय झारखंड प्रशासनिक सेवा संघ (झासा) ने लिया है। संघ के पूर्वी सिंहभूम अध्यक्ष विश्वनाथ माहेश्वरी (परियोजना निदेशक) ने बताया कि संघ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की कार्रवाई के तरीके का विरोध कर रहा है।
बताया कि गुरुवार देर शाम मुख्य सचिव, कार्मिक सचिव ने संघ से वार्ता की। तीन मुद्दों पर सहमति भी बनी, बावजूद संघ सामूहिक अवकाश पर रहेगा। वार्ता में तय हुआ कि एसीबी नियमित मजिस्ट्रेट की नियुक्ति बिना ट्रैप या गिरफ्तारी नहीं करेगी। सीओ संग दुर्व्यवहार की जांच होगी। ट्रैप के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर बनाया जाएगा।
सरकार ने संघ की अन्य मांगों पर विचार नहीं किया। इसमें विवादास्पद ट्रैप की जांच कराने, लंबित प्रमोशन शीघ्र देने, बीडीओ व सीओ को कार्यपालक दंडाधिकारी की शक्तियां देने की आदि मांगें शामिल हैं। उधर, तृतीय व चतुर्थ वर्गीय कर्मियों ने भी इस आंदोलन का समर्थन किया है। समाहरणालय में अनुसचिवीय कर्मचारी संघ की बैठक हुई।
यह भी पढ़ेंः झारखंड प्रशासनिक सेवा संघ सामूहिक अवकाश पर, दफ्तरों में सन्नाटा