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ग्रामीणों के भारी विरोध के बाद बैरंग लौटी प्रशासन की टीम

जान दे देंगे लेकिन हम लोग पतराटोली नहीं छोड़ेंगे। कहते हुए लोगों ने प्रशासन का रास्ता रोक दिया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 24 Jul 2021 08:04 AM (IST)Updated: Sat, 24 Jul 2021 08:04 AM (IST)
ग्रामीणों के भारी विरोध के बाद बैरंग लौटी प्रशासन की टीम
ग्रामीणों के भारी विरोध के बाद बैरंग लौटी प्रशासन की टीम

जाटी, रांची/नगड़ी : 'जान दे देंगे लेकिन हम लोग पतराटोली नहीं छोड़ेंगे।' प्रशासन हम लोगों पर दया करे। हम लोग रीब गुरबा हैं। इस बरसात में हम लोग कहां जाएंगे। यहां हम लोग वर्षों से रह रहे हैं। हमारे पास जमीन का कागज भी है। यही सब बातें कहते हुए नगड़ी थाना क्षेत्र के लगभग 500 ग्रामीण धुर्वा डैम के किनारे पतराटोली गांव के पुल के समीप शुक्रवार को सुबह से ही बैठ गए। हाइकोर्ट के आदेश पर धुर्वा डैम कैचमेंट एरिया पतराटोली में शुक्रवार को अतिक्रमण हटाने पहुंची प्रशासन की टीम को ग्रामीणों के जबर्दस्त विरोध का सामना करना पड़ा। ग्रामीण रास्ता रोककर धरने पर बैठे रहे। थक-हारकर प्रशासन की टीम बिना अतिक्रमण हटाए ही लौट गई। शाम लगभग सात बजे प्रशासन की टीम के लौटने के बाद ग्रामीण पतराटोली से हटे। धुर्वा डैम साइड कैचमेंट एरिया पतराटोली में हाइकोर्ट के आदेश के आलोक में नगड़ी के अंचलाधिकारी संतोष कुमार शुक्ला के नेतृत्व में शुक्रवार को अंचल की टीम सहित पुलिस के लगभग 200 जवान अतिक्रमण हटाने के लिए बलालोंग पतराटोली पुल के पास पहुंचे। यहां पहले से ही क्षेत्र के सैकड़ों महिला पुरुष पोस्टर लेकर पुल को पूरी तरह से जाम कर नारेबाजी कर रहे थे। प्रशासन के लोगों और पुलिस के जवानों को देखते ही ग्रामीण उग्र हो गए। नगड़ी सीओ और पुलिस प्रशासन के विरोध में नारे लगाने लगे। कुछ समय के बाद नगड़ी सीओ संतोष कुमार शुक्ला ने लोगों से कहा कि हटिया डैम कैचमेंट एरिया में जिस भी व्यक्ति ने अतिक्रमण किया है, हाईकोर्ट के आदेश से उसे हटाना ही है। इस पर ग्रामीणों का कहना है था यहां रहने वाले अधिकतर लोगों के पास जमीन के कागजात हैं। वन अधिकार के तहत पट्टा है। इसके बावजूद प्रशासन परेशान कर रहा है। अभी बरसात के मौसम में घर का टूटना भारी मुसीबत है। छोटे-छोटे बच्चे परिवार सब बिखर जाएगा। सरकार को इस पर विचार करना चाहिए। जब प्रशासन की टीम यह आग्रह मनाने को तैयार नहीं हुई तो फिर ग्रामीणों ने एक लिखित आवेदन देकर छह माह की मोहलत देने को कहा। इस पर नगड़ी सीओ ने वरीय पदाधिकारियों से बात की। फिर रांची के अनुमंडल पदाधिकारी दीपक दुबे पतराटोली पहुंचे। ग्रामीणों ने उन्हें ज्ञापन दिया। एसडीओ ने अपने पदाधिकारियों से बात की और फिर बिना कुछ कहे वापस चले गए। इसके बाद भी मौके पर नगड़ी सीओ, नगड़ी थाना प्रभारी अपनी टीम के साथ पतराटोली में डटे रहे। मौके पर इटकी सीओ रेशमी लकड़ा, नगड़ी थाना प्रभारी बिनोद राम, नगड़ी अंचल निरीक्षक औशाफ अहमद खान, राजस्व कर्मचारी गुरुवा सिंह मुंडा, अमीन कपिल राम, नगड़ी थाना के एएसआइ अभय कुमार आदि मौजूद थे। प्रशासन की टीम ने जब देखा कि ग्रामीण टस से मस नहीं हो रहे हैं तो शाम लगभग सात बजे अधिकारी पुलिस बल के साथ लौट गए। इसके बाद ग्रामीण भी धीरे-धीरे अपने घर चले गए।

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भारी बारिश में भी डटे रहे ग्रामीण: दोपहर लगभग दो बजे शुरू हुई भारी बारिश के बीच भी ग्रामीण सड़क पर ही डटे रहे। ग्रामीण आर-पार के मूड में घर से निकले थे, इसलिए अधिकतर ग्रामीणों के पास प्लास्टिक शीट थीं। बारिश के दौरान ग्रामीण बरसातियां ओढ़कर सड़क पर ही बैठे रहे तो अधिकारी अपनी गाड़ियों में। सबसे अधिक परेशानी पुलिस के जवानों को हुई। एक छोटी सी दुकान के टीन शेड के नीच लगभग 100 से अधिक पुलिस के जवानों ने शरण ले रखी थी। तारीख तय कर फिर जाएगी टीम :

इधर, सदर एसडीओ दीपक दुबे ने कहा कि बातचीत के दौरान ग्रामीणों ने समय मांगा। लेकिन, समय दे पाना अब संभव नहीं है। ग्रामीणों के भारी विरोध के कारण शुक्रवार को तो टीम लौट आई, लेकिन अतिक्रमण हटाने की एक नई तारीख तय करके टीम दोबारा जाएगी और अतिक्रमण हटा कर ही आएगी। पतराटोली में तोड़ी जानी हैं 40 संरचनाएं :

अभियान का नेतृत्व कर रहे नगड़ी के सीओ संतोष शुक्ला ने बताया कि पतराटोली में कुल 40 संरचनाओं को तोड़ा जाना है। इनमें कच्चे-पक्के मकान, झोपड़ियां और बाउंड्रीवाल आदि हैं। शुक्ला कालोनी में हटा अतिक्रमण

दूसरी ओर, अरगोड़ा के अंचलाधिकारी अरविद कुमार ओझा ने बताया कि शुक्रवार को शुक्ला कॉलोनी में भी अतिक्रमण हटाया गया। उन्होंने कहा कि यहां आठ खटालों के स्ट्रक्चर लोगों ने खुद ही हटा लिए। दरअसल यहां बुलडोजर जाने का रास्ता ही नहीं है। इसलिए गुरुवार को ही प्रशासन की टीम यहां गई थी और लोगों को यह समझाया था कि अतिक्रमण खुद हटा लें, नहीं तो जबरन तोड़ दिया जाएगा।


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