बारिश के दौरान नाले में बहे युवक को दूसरे दिन भी नहीं ढूंढ पाया प्रशासन, एनडीआरएफ की टीम ने कहा- नाले में ढूंढने का काम नगर निगम का
शहर में तेज बारिश के बाद ध्वस्त ड्रेनेज सिस्टम की वजह से उफनती नाले में बहे युवक का दूसरे दिन मंगलवार को भी कोई अता-पता पता नहीं चल पाया।
रांची (जागरण संवाददाता) । शहर में तेज बारिश के बाद ध्वस्त ड्रेनेज सिस्टम की वजह से उफनती नाले में बहे युवक का दूसरे दिन मंगलवार को भी कोई अता-पता पता नहीं चल पाया। युवक की पहचान हो गई और उसके परिजन भी पुलिस प्रशासन के सामने आए। गायब युवक का नाम उमेश राणा है, वह हजारीबाग के इचाक का रहने वाला वाला था। कोकर खोरहा टोली में पत्नी के साथ किराए के मकान में रहता था। वह कारपेंटर मिस्त्री था। उमेश के बह जाने के बाद प्रशासन की जबरदस्त लापरवाही दिखी। नगर निगम खानापूर्ति में जुटा रहा। इधर बहे युवक की लाश ढूंढने पहुंची एनडीआरएफ की टीम ने नाले में उतरने से साफ इन्कार कर दिया।
एनडीआरएफ की टीम का कहना था कि उनकी टीम गहरे पानी या नदी वाली जगह पर उतर सकती है, नाले में नहीं। नाले में लाश ढूंढना नगर निगम का काम है। यह कहते हुए एनडीआरएफ की टीम खोरहा टोली से निकलकर नामकुम तेतरी टोली स्थित स्वर्ण रेखा नदी पर पहुंच गई। वहां लाश ढूंढती रही, लेकिन देर शाम तक सफलता हाथ नहीं लगी। नगर निगम खानापूर्ति के तौर पर 4 मजदूर लगवा कर जलकुंभी उखड़वाता रहा। जलकुंभी उखाड़ते शाम हो गई, लेकिन उमेश का कोई अता पता नहीं चल पाया। इस बीच डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय भी मौके पर पहुंचे और वहां लोगों से बातचीत कर चलते बने।
रांची की ध्वस्त ड्रेनेज सिस्टम के बीच बह गए एक युवक को ढूंढने में ना जिम्मेदारी दिखी ना मुस्तैदी। बस उमेश के परिजनों को और मीडिया को जल्द ढूंढने पुल बनवाने और सड़क बनवाने का आश्वासन देकर चलते बने। नतीजा उमेश का ना कोई पता चल पाया है ना ही उसकी लाश ढूंढी जा सकी। 20 घंटे बाद शुरू हुआ एनडीआरएफ का रेस्क्यू ऑपरेशन : उमेश राणा की लाश ढूंढने में जिम्मेवार हर स्तर पर लापरवाह रहे। घटना सोमवार की दोपहर करीब 3:30 और 4:00 के बीच की है। इस घटना के करीब 20 घंटे बाद दूसरे दिन मंगलवार को 1:00 बजे के लगभग एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची।
कोकर खोरहा टोली में नाला देखकर वहां से निकल गए और स्वर्णरेखा नदी में लाश ढूंढा गया। इसका खामियाजा इस रूप में मिला कि अब तक उमेश का किसी को कुछ भी जानकारी नहीं है। स्थानीय लोगों का कहना था अगर उमेश को ढूंढने में जिम्मेवार जल्दबाजी दिखाते तो शायद हुआ घायल या बीमार अवस्था में ही मिल जाता।
उमेश की पत्नी बोली निगम की लापरवाही से बह गए पति, अब ढूंढने में दिलचस्पी नहीं
उमेश की पत्नी बेबी देवी ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। पत्नी के अनुसार निगम की ध्वस्त ड्रेनेज सिस्टम की वजह से बह गए अब ढूंढने में प्रशासन लापरवाही दिखा रही है। पत्नी ने बताया कि उमेश एक व्यक्ति से पैसा देने के लिए निकले थे। लौटते समय वे पानी की तेज धार में बह गए। उमेश के नहीं मिलने से पत्नी बेबी देवी का रो रो कर बुरा हाल है वह बार-बार बेसुध हो रही है स्थानीय लोग उसे संभालने में जुटे हैं।स्थानीय की सक्रियता में ही सब कुछ रहा निर्भर : इस पूरी घटना में स्थानीय लोगों की ही सक्रियता नजर आई। बहने के दौरान दो युवकों में एक को पहले बचाया। दूसरे दिन बाइक भी स्थानीय लोगों ने ढूंढ ली।
युवक की पहचान भी स्थानीय लोगों ने की। लेकिन प्रशासनिक महकमा पूरी तरह से लापरवाह दिखा और अनदेखी चरम पर रही। स्थानीय लोगों का कहना था कि उमेश राणा अगर किसी वीआईपी परिवार से होता तो उसे या उसकी लाश तुरंत ढूंढ ली जाती। लेकिन गरीब परिवार से होने की वजह से उस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। स्थानीय लोगों ने यह पता लगाया कि उमेश राणा कौन है, इस दौरान पता चला की घटनास्थल से करीब 500 मीटर की दूरी पर उमेश राणा किराए के घर में पत्नी के साथ रहता था। नाले से ही करीब 300 मीटर की दूरी पर उमेश की बाइक बरामद की गई जो झाड़ियों में छुपा था।