यौन शोषण मामले में अभियुक्त सुनील तिवारी को हाई कोर्ट से मिली जमानत, लेकिन छह माह तक झारखंड में नहीं रहेंगे
यौन शोषण मामले में अभियुक्त सुनील तिवारी को हाई कोर्ट से जमानत मिल गई है। जमानत जस्टिस राजेश कुमार की अदालत से मिली है। सुनील तिवारी झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के सलाहकार रहे हैं। अदालत ने कहा कि सुनील तिवारी 6 माह झारखंड से बाहर रहेंगे।
रांची, जासं। यौन शोषण मामले में अभियुक्त सुनील तिवारी को हाई कोर्ट से जमानत मिल गई है। जमानत जस्टिस राजेश कुमार की अदालत से मिली है। सुनील तिवारी झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के सलाहकार रहे हैं। अदालत ने कहा कि सुनील तिवारी 6 माह झारखंड से बाहर रहेंगे। वे तभी झारखंड आएंगे जब कोर्ट या पुलिस बुलाएगी। उन्हें मोबाइल नंबर नहीं बदलने के निर्देश दिए गए हैं। दस हजार के दो निजी मुचलके पर उन्हें रिहा करने का आदेश दिया गया है। अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि इस मामले की जांच और गिरफ्तारी में जिस तरह से तेजी की गई है, इससे प्रतीत होता है कि सरकारी तंत्र का दुरुपयोग किया गया है।
इसके पूर्व 20 सितंबर को रांची सिविल कोर्ट न्यायायुक्त विशाल श्रीवास्तव की अदालत में यौन शोषण के आरोपित भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी के सलाहकार सुनील कुमार तिवारी की जमानत याचिका सुनवाई हुई थी। सुनवाई के बाद अदालत ने इस मामले में केस डायरी की मांग की। सरकार की ओर से मामले में विशेष लोक अभियोजक प्रदीप कुमार चौरसिया ने पक्ष रखा। बता दें कि अनगड़ा की एक आदिवासी युवती ने दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए अरगोड़ा थाना में 16 अगस्त को नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई है।
इस मामले में 31 अगस्त को सुनील तिवारी की अग्रिम जमानत याचिका अदालत ने खारिज की थी। इसी के बाद से सुनील तिवारी पर गिरफ्तारी की तलवार लटकने लगी थी। इस मामले में झारखंड पुलिस ने सुनील तिवारी को उत्तर प्रदेश के इटावा से गिरफ्तार किया है।
इतिहास के शिक्षकों की नियुक्ति जल्द
झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस डॉ एसएन पाठक की अदालत में 11 अनुसूचित जिलों में शिक्षक नियुक्ति को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से अदालत में एक पत्र पेश कर कहा गया कि इतिहास के शिक्षकों की नियुक्ति जल्द से जल्द की जाएगी। वही संस्कृत और संगीत के शिक्षकों की नियुक्ति पर अभी निर्णय नहीं लिया गया है। इस पर अदालत ने 4 सप्ताह में राज्य सरकार से पूछा है कि इतिहास के शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया कब तक पूरी कर ली जाएगी