Move to Jagran APP

झारखंड विद्युत नियामक आयोग का आडिट करने से महालेखाकार ने किया इन्‍कार, जानें इसकी बड़ी वजह

Jharkhand Electricity Regulatory Commission विद्युत नियामक आयोग में फिलहाल अधिकतर पद रिक्त हैं। आयोग में वित्तीय अनियमितता की शिकायतें हैं। इसके लिए कई बार आयोग से पत्राचार किया गया है। विद्युत नियामक आयोग फिलहाल पूरी तरह निष्क्रिय है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Mon, 18 Oct 2021 09:12 PM (IST)Updated: Mon, 18 Oct 2021 09:19 PM (IST)
झारखंड विद्युत नियामक आयोग का आडिट करने से महालेखाकार ने किया इन्‍कार, जानें इसकी बड़ी वजह
Jharkhand Electricity Regulatory Commission विद्युत नियामक आयोग में फिलहाल अधिकतर पद रिक्त हैं।

रांची, राज्‍य ब्‍यूरो। झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग में वित्तीय गड़बड़ी की शिकायतों की जांच करने से महालेखाकार ने हाथ खड़े कर दिए हैं। शिकायत 50 करोड़ से अधिक की हेराफेरी से जुड़ा है, जिसे पूर्व में अंजाम दिया गया। फिलहाल राज्य विद्युत नियामक आयोग पूरी तरह डिफंक्ट है। पिछले आठ महीने से यहां चेयरमैन, तकनीकी और वित्त सदस्य सहित कई पद रिक्त हैं। महालेखाकार कार्यालय ने ऊर्जा विभाग को पत्राचार कर यह जानकारी दी है कि वर्तमान परिस्थिति में आय-व्यय का लेखा जोखा नहीं किया जा सकता।

prime article banner

वित्तीय वर्ष 2012-2013 से ही वित्तीय लेनदेन और खर्च का आडिट नहीं हो पाया है। महालेखाकार कार्यालय ने खर्च के मुताबिक तय फार्मेट में सारी जानकारी तलब की थी, लेकिन वह नहीं मिल पाया है। इसके लिए कई बार आयोग से पत्राचार किया गया है। नियम के मुताबिक राज्य सरकार के सभी विभागों समेत बोर्ड, निगम और आयोग का सालाना लेखा परीक्षा आवश्यक है।

अधिसूचना के अनुसार सभी निगम, बोर्ड और आयोग के बैंक अकाउंट बंद कर पीएल अकाउंट खोलना था और उसी में सारा पैसा रखने का प्रविधान बनाया गया था। राज्य विद्युत नियामक आयोग को सरकार से अनुदान के साथ-साथ सालाना बिजली दर निर्धारण के लिए शुल्क और वार्षिक डिस्काम शुल्क का भुगतान किया जाता है। इसके अलावा विभिन्न याचिकाओं की सुनवाई के लिए भी राशि का प्रविधान है।

निष्क्रिय है नियामक आयोग

बिजली कंपनियों के लिए नीति-निर्धारण करने वाली राज्य विद्युत नियामक आयोग फिलहाल पूरी तरह निष्क्रिय है। पूर्व चेयरमैन अरविंद प्रसाद के इस्तीफे के बाद यह पद खाली है। सदस्य विधि प्रवास कुमार सिंह और सदस्य तकनीकी आरएन सिंह सेवानिवृत हो चुके हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.