राष्ट्रीय खेल घोटाला: आरके आनंद के खिलाफ मिले सबूत, ACB ने मांगी चार्जशीट की अनुमति
National Games Scam. एसीबी ने राष्ट्रीय खेल आयोजन समिति के कार्यकारी अध्यक्ष आनंद पर चार्जशीट व अभियोजन की स्वीकृति राज्य सरकार से मांगी है।
रांची, राज्य ब्यूरो। 34वें राष्ट्रीय खेल घोटाले की जांच कर रही भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने खेल आयोजन समिति के कार्यकारी अध्यक्ष आरके आनंद के विरुद्ध पर्याप्त साक्ष्य जुटा लिया है। इन्हीं साक्ष्यों को आधार बनाकर एसीबी ने पर्यटन, कला संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग से आरके आनंद के विरुद्ध चार्जशीट व अभियोजन चलाने की अनुमति मांगी है।
एसीबी ने तर्क दिया है कि रांची में आयोजित राष्ट्रीय खेलों से संबंधित तैयारियों, समारोहों व वस्तुओं के क्रम में घोटाला हुआ था। इस मामले में एसीबी में तब निगरानी थाना कांड संख्या 49/2010 में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। अनुसंधान में अन्य अभियुक्तों के अलावा प्राथमिकी अभियुक्त आरके आनंद के विरुद्ध भी कांड सत्य पाया गया। उनपर चार्जशीट व अभियोजन के लिए पर्याप्त साक्ष्य हैं।
एसीबी के अनुसार घटना के वक्त आरके आनंद राष्ट्रीय खेल आयोजन समिति के कार्यकारी अध्यक्ष थे। उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त था। इसलिए उनके विरुद्ध अभियोजन चलाने के लिए स्वीकृति लेनी आवश्यक है। इस कांड में अप्राथमिकी अभियुक्त सुविमल मुखोपाध्याय, एचएल दास, प्रेम कुमार चौधरी, शुकदेव सुबोध गांधी व अजीत जोइस लकड़ा के विरुद्ध भी चार्जशीट व अभियोजन के लिए संबंधित सक्षम प्राधिकारों से स्वीकृति मांगी गई है। इस कांड का अनुसंधान जारी है। प्राथमिकी अभियुक्त प्रकाश चंद्र मिश्र व सैयद मतलूब हाशमी के विरुद्ध आरोप पत्र 9 जनवरी 2015 को तथा मधुकांत पाठक के विरुद्ध 14 अप्रैल 2018 को न्यायालय में चार्जशीट दाखिल हो चुकी है।
28.34 करोड़ का है राष्ट्रीय खेल घोटाला
34वां राष्ट्रीय खेल घोटाला 28.34 करोड़ रुपये का है। इसमें जरूरत से अधिक खेल सामग्री खरीदी गई थी। इसके साथ ही सामग्री अधिक मूल्य पर भी खरीदी गई थी। खेल सामग्री खरीद के लिए निविदा समिति बनी थी। इसमें एनजीओसी के महासचिव एसएम हाशमी और कोषाध्यक्ष मधुकांत पाठक थे। वहीं, निदेशक पीसी मिश्रा थे। इस घोटाले में तीनों के विरुद्ध एसीबी पहले ही चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। फिलहाल, सभी जमानत पर हैं।
आरके आनंद पर यह है आरोप
आरके आनंद एनजीओसी के कार्यकारी अध्यक्ष थे। खेल की तैयारी और इसके आयोजन के दौरान उन्हें अक्सर रांची आना पड़ता था। उन्हें राजकीय अतिथिशाला में ठहरने की व्यवस्था थी। सरकार ने ही परिवहन व सुरक्षा की व्यवस्था की थी। इसके बावजूद आरके आनंद राजकीय अतिथिशाला में नहीं ठहरते थे। वे एक होटल में कई बार ठहरे, जिस पर 9.81 लाख रुपये खर्च हुए। इस राशि का भुगतान एनजीओसी ने किया। जांच रिपोर्ट में इसे सरकारी नियमों का उल्लंघन बताया गया। खेल घोटाले की जांच जब निगरानी को दी गई, तब आनंद के एक होटल में ठहरने से जुड़े कागजात भी निगरानी के हाथ लगे थे। चार साल तक मामले की छानबीन की गई थी।
पूर्व मंत्री बंधु तिर्की से भी हो चुकी है पूछताछ
राष्ट्रीय खेल घोटाले में पूर्व खेल मंत्री बंधु तिर्की के विरुद्ध लगे आरोपों पर एसीबी उनसे दो बार पूछताछ कर चुकी है। बंधु तिर्की की दी गई सफाई की समीक्षा की जा रही है। समीक्षा के बाद उनपर कार्रवाई की संभावना है।