डोरंडा थाने में एसीबी के छापे से हड़कंप, पासपोर्ट सत्यापन और सनहा में नहीं जुट रहा जवाब
डोरंडा थाने में बुधवार को एसीबी की छापेमारी के बाद पूरे जिले में हड़कंप है। डोरंडा थाने में पासपोर्ट बनवाने प्राथमिकी दर्ज करने आदि मामले को लेकर छापेमारी की।
जागरण संवाददाता, रांची : डोरंडा थाने में बुधवार को एसीबी की छापेमारी के बाद पूरे जिले में हड़कंप मच गया है। एसीबी ने थाने में विशेष तौर पर पासपोर्ट सत्यापन, मोबाइल गुमशुदगी, दस्तावेज खोने पर सनहा जैसे फाइलें खंगाली। इसके अलावा कई केस के अनुसंधान के संबंध में भी छानबीन की। इससे पुलिसकर्मियों को जवाब देने में नहीं बन रहा था। जाहिर है कि एसीबी ने उन्हीं पहलुओं की पड़ताल की है, जिसमें आम आदमी को थानों में परेशान होना पड़ता है। पासपोर्ट सत्यापन के लिए कोई व्यक्ति थाना पहुंचे तो उन्हें दौड़ाया जाता है। गवाह मांगे जाते हैं। बिजली बिल, एग्रीमेंट सहित कई दस्तावेज मांगे जाते हैं। इसके एवज में चढ़ावा देना पड़ता है। इसी तरह अगर मोबाइल की लूट या चोरी हो जाए तो थाने में उसे गुमशुदगी में ही केस दर्ज कराने पर पुलिस जोर देती है। थाने के पुलिसकर्मी खुद बैठकर गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराते हैं। किन्हीं का कोई दस्तावेज गुम हो जाए, तो सनहा दर्ज कराने के लिए पहले चढ़ावा का सवाल होता। चढ़ावा नहीं देने वाले व्यक्ति से शपथ पत्र मांगे जाते हैं। एफआइआर दर्ज कराने के लिए करना पड़ता संतुष्ट :
एफआइआर दर्ज कराने के लिए किसी आम आदमी को पुलिसकर्मियों को संतुष्ट करना पड़ता है। पहले तो हर केस को पुलिस झूठ मानती। कई मामले दर्ज करने के बाद अगर वह नन एसआर के केस हों, तो थानेदार खुद सुपरविजन करते हैं। सुपरविजन से ही खेल शुरू हो जाता है। वरीय अधिकारियों का लगाम न हो तो सुपरविजन के नाम पर खूब खेल चलता है। यह रांची के हर थानों का यही हाल है।