132 लोगों ने जाति बदल कर हड़प ली सरकारी नौकरी, जानें कैसे महतो-बैठा बन गए मुंडा
ACB Probe Fraud. एसीबी की अदालत ने एक शिकायतवाद पर अब जांच का आदेश दिया है। लाभ पहुंचाने के लिए अधिकारियों पर एक करोड़ से अधिक रिश्वत लेने का आरोप लगा है।
रांची, राज्य ब्यूरो। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की अदालत ने 132 गृह रक्षकों को लाभ पहुंचाने के मामले की एसीबी से जांच का आदेश दिया है। इन गृह रक्षकों ने जाति बदलकर नौकरी ले ली थी, खुलासे के बावजूद अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की। उन्हें लाभ पहुंचाया। एक शिकायतवाद पर संज्ञान के बाद अदालत ने एसीबी के प्रभारी को प्रारंभिक जांच करने और 45 दिनों के भीतर रिपोर्ट देने का आदेश दिया है।
होमगार्ड एसोसिएशन के रवींद्र मुखर्जी की पत्नी अंबरीन मुखर्जी ने एसीबी की अदालत में शिकायतवाद दर्ज कराई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि गृह रक्षा वाहिनी के कई अधिकारियों ने 200 से अधिक गृह रक्षकों को गलत तरीके से लाभ पहुंचाने के लिए रिश्वत में एक करोड़ रुपये से अधिक रुपये लिया। इस मामले में होमगार्ड डीजी विभूति भूषण प्रधान, आइजी सुधीर कुमार झा, पूर्व कमांडेट दीपक सिन्हा, अवर सचिव प्रमोद शरण, प्रमंडलीय समादेष्टा अशोक कुमार, कार्यकारी जिला समादेष्टा विनय कुमार, निरीक्षक रमेश प्रसाद को आरोपित करते हुए प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की थी।
जाति बदलकर ली थी नौकरी, हुआ था खुलासा
रांची जिले के 132 गृह रक्षकों ने अपनी जाति बदलकर नौकरी ली थी। वे रांची जिले में बतौर गृह रक्षक बहाल हुए थे। शिकायत के मुताबिक 132 गृहरक्षकों ने 1989 में महतो व बैठा जाति छुपाकर मुंडा लिखकर खुद को जनजाति समुदाय का बता नामांकन कराया था। इसका खुलासा तब हुआ, जब उनके बैंक खाते को आधार से लिंक कराया गया। इस मामले में गलती के बावजूद अफसरों ने कार्रवाई नहीं की, बल्कि जाति-उपजाति में सुधार का मौका दिया।