70 हजार पुलिसकर्मियों को 13 माह के वेतन के लिए करना होगा इंतजार, नहीं हो सकी बैठक Ranchi News
Jharkhand. एक माह अतिरिक्त के वेतन निर्धारण के लिए होने वाली बैठक में डीजीपी नहीं पहुंचे। इस कारण बैठक नहीं हो सकी। अब अगली बैठक कब होगी यह अभी तक तय नहीं है।
रांची, राज्य ब्यूरो। राज्य के 70 हजार पुलिस पदाधिकारियों-जवानों को 13 माह के वेतन (यानी एक माह का अतिरिक्त वेतन) के लिए अभी इंतजार करना पड़ेगा। इसपर अंतिम निर्णय के लिए आयोजित बैठक में डीजीपी कमल नयन चौबे नहीं पहुंचे, जिसके चलते इसे फाइनल नहीं किया जा सका। अब अगली बैठक में ही कोई बात बन पाएगी। वह बैठक कब होगी, यह निर्णय नहीं लिया जा सका है। गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने 22 अगस्त को पुलिस मुख्यालय को पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी है।
पत्र में बताया गया है कि 19 अगस्त को मुख्य सचिव डॉ. डीके तिवारी की अध्यक्षता में एक बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में राज्य पुलिस के सिपाही से पुलिस निरीक्षक स्तर तक के 70 हजार पुलिसकर्मियों के लिए प्रस्तावित एक माह के अतिरिक्त वेतन के मसले पर अंतिम निर्णय लिया जाना था। इस बैठक में गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, योजना सह वित्त विभाग सह कार्मिक प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके खंडेलवाल उपस्थित थे।
इस बैठक में झारखंड पुलिस के मुखिया डीजीपी कमल नयन चौबे को भी उपस्थित होना था, लेकिन वे अनुपस्थित रहे। डीजीपी के नहीं होने से बैठक नहीं हो सकी। गृह विभाग के पत्र में यह भी लिखा है कि निकट भविष्य में पुन: बैठक करने का निर्णय लिया गया है। इस मामले में डीजीपी कमल नयन चौबे के अनुपस्थित होने के कारणों के बारे में जानकारी लेने के लिए उनसे संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनसे बात नहीं हो सकी।
छह मार्च को ही कैबिनेट ने दी थी स्वीकृति
राज्य के पुलिसकर्मियों के लिए बिहार व अन्य राज्यों की तर्ज पर एक माह का अतिरिक्त वेतन दिए जाने के प्रस्ताव पर कैबिनेट ने पिछले छह मार्च को ही स्वीकृति दे दी थी। इसके कार्यान्वयन के लिए ही मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 19 अगस्त को अंतिम निर्णय लिया जाना था, जो नहीं हो सका।
'19 अगस्त को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक हुई थी, लेकिन डीजीपी दिल्ली में आयोजित महत्वपूर्ण बैठक में शामिल होने गए थे। आग्रह है कि इस मामले में शीघ्र बैठक हो, ताकि पुलिसकर्मियों के इस महत्वपूर्ण मांग पर मुहर लग सके।' - अक्षय राम, महामंत्री, झारखंड पुलिस एसोसिएशन।