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6th JPSC Result: छठी जेपीएससी पर कोई खतरा नहीं, रद करने की अफवाहें; नियुक्ति प्रक्रिया नहीं रुकेगी

झारखंड लोक सेवा आयोग की छठी नियुक्ति परीक्षा को लेकर कोई संशय नहीं है इसके साक्षात्कार की प्रक्रिया जारी रहेगी। कार्मिक विभाग की रिपोर्ट पर सरकार ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Mon, 02 Mar 2020 07:43 AM (IST)Updated: Mon, 02 Mar 2020 10:18 PM (IST)
6th JPSC Result: छठी जेपीएससी पर कोई खतरा नहीं, रद करने की अफवाहें; नियुक्ति प्रक्रिया नहीं रुकेगी
6th JPSC Result: छठी जेपीएससी पर कोई खतरा नहीं, रद करने की अफवाहें; नियुक्ति प्रक्रिया नहीं रुकेगी

रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड लोक सेवा आयोग की छठी नियुक्ति परीक्षा को लेकर कोई संशय नहीं है, इसके साक्षात्कार की प्रक्रिया जारी रहेगी। कार्मिक विभाग की रिपोर्ट पर सरकार ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है और कहा है कि इस संदर्भ में महाधिवक्ता से भी परामर्श नहीं लिया गया है। ज्ञात हो कि कुछ समाचार पत्रों (दैनिक जागरण नहीं) में छठी जेपीएससी को लेकर यह खबर प्रकाशित हुई थी कि इसे रद किया जा सकता है और इसके लिए महाधिवक्ता से भी परामर्श लिया गया है।

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इस बीच, सातवीं जेपीएससी को लेकर भी सरकार आगे बढ़ रही है और शीघ्र ही मुख्यमंत्री के स्तर से कमेटी के गठन को स्वीकृति मिल सकती है जो आरक्षण की खामियों को दूर कर नियुक्ति परीक्षा के लिए मार्ग प्रशस्त करेगी। फिलहाल कार्मिक विभाग ने तीन सदस्यीय कमेटी के लिए अनुशंसा सीएम के पास भेजी है। रविवार को सरकार की ओर से विज्ञप्ति जारी कर बताया गया है कि कार्मिक विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार झारखंड लोक सेवा आयोग छठी जेपीएससी को रद करने के लिए कोई कदम उठाने नहीं जा रहा है।

छठी संयुक्त असैनिक सेवा परीक्षा 2016 को रद करने के संबंध में महाधिवक्ता से भी कोई परामर्श नहीं लिया गया है। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि वर्तमान राज्य सरकार के द्वारा उक्त परीक्षा को रद करने का निर्णय नहीं लिया गया है और न ही इस संबंध में कोई कार्रवाई प्रक्रियाधीन है। सरकार ने यह स्पष्टीकरण उन खबरों पर दी है जिसके अनुसार छठी जेपीएससी संयुक्त असैनिक सेवा परीक्षा 2016 की नियुक्ति प्रक्रिया भी रद की जा सकती है। 

सीएम इस बार नहीं चाहते छठी जेपीएससी जैसा हश्र

छठी जेपीएससी को लेकर प्रारंभ से ही कई मुकदमे हुए और कई बार सरकार को हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखना पड़ा। इसके बाद अंत में हाईकोर्ट ने जो व्यवस्था दी उसके अनुसार परिणाम निकालने की तैयारी की जा रही है। हालांकि पूरी प्रक्रिया में चार वर्ष का समय बीत चुका है। अब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अधिकारियों को स्पष्ट कर दिया है कि ऐसी नीति बनाई जाए जिसमें कहीं भी कोई भ्रम न हो और लोगों को बार-बार कोर्ट का दरवाजा खटखटाना नहीं पड़े। नियमों की किसी भी स्तर पर अनदेखी न हो।

छठी जेपीएससी को ले राज्य सरकार के संकल्प को चुनौती

छठी जेपीएससी को लेकर प्रार्थी राहुल कुमार व अन्य ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। याचिका में छठी जेपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा के बाद सरकार द्वारा जारी पहले संकल्प को चुनौती दी गई है। अधिवक्ता शुभाशीष रसिक सोरेन ने बताया कि 19 अप्रैल 2017 को सरकार द्वारा जारी संकल्प की वजह से ही प्रारंभिक परीक्षा में पास हुए 5138 अभ्यर्थियों की संख्या बढ़कर 6103 हो गई। नियमानुसार यह 15 गुना से 965 अधिक है। इसलिए सरकार के उक्त  संकल्प को रद किया जाए। पिछले दिनों इस मामले में हाई कोर्ट की खंडपीठ ने सरकार के दूसरे संकल्प को खारिज कर दिया था। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने भी अपनी मुहर लगाई है। दूसरे संकल्प के बाद 34 हजार अभ्यर्थी मुख्य परीक्षा में शामिल हुए। इतनी बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों की परीक्षा लेने में कई गलतियां हुई है। इसलिए मुख्य परीक्षा रद कर दोबारा कराए जाने की भी मांग की गई है।


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