6th JPSC Result 2020: छठी जेपीएससी के सफल अभ्यर्थियों के लिए खुशखबरी, इस दिन नियुक्ति पत्र और पदस्थापना
इनमें झारखंड प्रशासनिक सेवा के 143 झारखंड पुलिस सेवा के लिए छह झारखंड वित्त सेवा के लिए 104 झारखंड शिक्षा सेवा के लिए 36 झारखंड सहकारिता सेवा के लिए 9 सफल अभ्यर्थी शामिल हैं।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड लोक सेवा आयोग की छठी जेपीएससी से अनुशंसित अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर CM हेमंत सोरेन की स्वीकृति मिल गई है। अब विभिन्न सेवाओं के लिए 326 अभ्यर्थियों को शीघ्र नियुक्ति पत्र मिलेगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा छठी संयुक्त असैनिक सिविल सेवा परीक्षा- 2016 में सफल अभ्यॢथयों की नियुक्ति की अनुशंसा के आलोक में नियुक्ति पर अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है। इससे अब विभिन्न सेवाओं में अनुशंसित 326 अभ्यर्थियों को शीघ्र नियुक्ति पत्र मिल सकेगा। इनमें झारखंड प्रशासनिक सेवा के लिए अनुशंसित 143, झारखंड पुलिस सेवा के लिए छह, झारखंड वित्त सेवा के लिए 104, झारखंड शिक्षा सेवा के लिए 36, झारखंड सहकारिता सेवा के लिए नौ, झारखंड योजना सेवा के लिए 18, झारखंड सामाजिक सुरक्षा सेवा के लिए तीन तथा झारखंड सूचना सेवा के लिए सात अभ्यर्थी शामिल हैं। सफल अभ्यर्थियों में 73 महिलाएं शामिल हैं।
छठी जेपीएससी के चयनित अभ्यर्थियों को जल्द मिलेगा नियुक्तिपत्र
जेपीएससी के परीक्षा परिणाम को लेकर चल रहे विवाद, विरोध और अदालती कार्यवाही के बीच इस परीक्षा में सफल घोषित किये गए अभ्यर्थियों के लिए एक अच्छी खबर आई है। अब शीघ्र ही चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति और पदस्थापना की प्रक्रिया शुरू हो सकेगी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सफल अभ्यर्थियों की नियुक्ति की अनुशंसा के आलोक में नियुक्ति पर अपनी स्वीकृति दे दी है। इसके साथ ही नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर चल रहा संशय भी खत्म हो गया है। झारखंड हाईकोर्ट पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि वह परिणाम पर रोक नहीं लगाएगा। हालांकि परीक्षा परिणाम को चुनौती देने वाली याचिका पर हाई कोर्ट में अभी भी सुनवाई चल ही रही है। इसकी अगली सुनवाई पांच अगस्त को होनी है। सीएम की अनुमति की औपचारिकता पूरी होने के बाद अब विभिन्न सेवाओं में अनुशंसित 326 अभ्यर्थियों को शीघ्र नियुक्ति पत्र मिल सकेगा।
दो बार बदला गया था पैटर्न, तीन बार परिणाम में संशोधन
झारखंड लोक सेवा आयोग की छठी सिविल सेवा परीक्षा वर्ष 2014 में तत्कालीन हेमंत सरकार के कार्यकाल में ही शुरू हुई थी। इसके बाद रघुवर दास की सरकार पांच साल का कार्यकाल पूरा कर बदल भी गई, लेकिन यह परीक्षा पूरी नहीं हो पाई थी
तत्कालीन हेमंत सोरेन सरकार ने पूर्व मुख्य सचिव वीएस दूबे की अध्यक्षता वाली उच्चस्तरीय कमेटी की अनुशंसा पर सिविल सेवा परीक्षा का पूरा पैटर्न ही बदल दिया था। इस आलोक में आवेदन भी मंगा लिए गए थे। बाद में रघुवर दास के नेतृत्व वाली सरकार ने इसमें विवाद होने के बाद परीक्षा को रद करते हुए फिर से पैटर्न बदल दिया। इसके बाद नए सिरे से संयुक्त सिविल सेवा प्रतियोगिता परीक्षा की प्रक्रिया वर्ष 2015-16 में शुरू हुई।
इसकी प्रारंभिक परीक्षा भी लगातार विवादित रही और इस कारण जेपीएससी को इसके परिणाम में तीन बार संशोधन करने पड़े। मामला हाईकोर्ट तक गया। कोर्ट के आदेश के बाद इसकी मुख्य परीक्षा हुई और साक्षात्कार आयोजित किया गया। परिणाम घोषित होने के बाद भी इसे हाई कोर्ट में चुनौती दी गई। उधर असफल अभ्यर्थी भी लगातार धरना-प्रदर्शन और विरोध कर रहे हैैं।
इन्हें मिलेगा लाभ
जिन 326 सफल अभ्यर्थियों को इस नियुक्ति का लाभ मिलेगा, उनमें झारखंड प्रशासनिक सेवा के अनुशंसित 143, झारखंड पुलिस सेवा के लिए छह, झारखंड वित्त सेवा के लिए 104, झारखंड शिक्षा सेवा के लिए 36, झारखंड सहकारिता सेवा के लिए नौ, झारखंड योजना सेवा के लिए 18, झारखंड सामाजिक सुरक्षा सेवा के लिए तीन तथा झारखंड सूचना सेवा के लिए सात अभ्यर्थी शामिल हैं। सफल अभ्यॢथयों में 73 महिलाएं शामिल हैं।
इस श्रेणी में इतने सफल :
राज्य प्रशासनिक सेवा :
अनारक्षित : 86
पिछड़ा वर्ग-1 : 08
एससी : 15
एसटी : 34
झारखंड वित्त सेवा :
अनारक्षित : 52
पिछड़ा वर्ग-1 : 11
एससी : 11
एसटी : 30
झारखंड शिक्षा सेवा :
अनारक्षित : 19
एससी : 06
एसटी : 11
झारखंड सहकारिता सेवा :
अनारक्षित : 03
पिछड़ा वर्ग-1 : 01
एससी : 02
एसटी : 03
झारखंड सामाजिक सुरक्षा सेवा :
अनारक्षित : 02
एसटी : 01
झारखंड सूचना सेवा :
अनारक्षित : 06
एससी : 01
झारखंड पुलिस सेवा :
अनारक्षित : 03
पिछड़ा वर्ग-2 : 01
एससी : 02
झारखंड योजना सेवा :
अनारक्षित : 09
पिछड़ा वर्ग-1 : 01
एससी : 02
एसटी : 05