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6th JPSC News: छठी जेपीएससी के सफल उम्मीदवारों को नोटिस जारी

6th JPSC News Today झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत में छठी जेपीएससी सिविल सेवा के परिणाम को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने सभी चयनित 326 अभ्यर्थियों को प्रतिवादी बनाते हुए उन्हें नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है।

By Vikram GiriEdited By: Published: Thu, 24 Sep 2020 06:45 PM (IST)Updated: Thu, 24 Sep 2020 07:57 PM (IST)
6th JPSC News: छठी जेपीएससी के सफल उम्मीदवारों को नोटिस जारी
झारखंड हाइकोर्ट ने छठी जेपीएससी में सफल सभी अभ्यर्थियों को नोटिस जारी किया है। जागरण

रांची (राज्य ब्यूरो) । 6th JPSC News Today झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत में छठी जेपीएससी सिविल सेवा के परिणाम को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने सभी चयनित 326 अभ्यर्थियों को प्रतिवादी बनाते हुए उन्हें नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है। नोटिस की आम सूचना जारी की जाएगी और समाचार पत्रों में इसका प्रकाशन भी किया जाएगा। सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि छठी जेपीएससी परीक्षा और परिणाम को चुनौती देते हुए 32 याचिकाएं हाई कोर्ट में दाखिल की गई है।

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इस पर कोर्ट ने सभी मामलों को एक साथ टैग कर सुनवाई करने की बात कहते हुए अगली सुनवाई के लिए 11 नवंबर की तिथि निर्धारित की है। सुनवाई के दौरान वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार व विकास कुमार की ओर से अदालत को बताया गया कि जेपीएससी ने अंतिम परिणाम जारी करने में गड़बड़ी की है। पेपर वन (हिंदी व अंग्रेजी) के क्वालीफाइंग मार्क्स को भी प्राप्तांक में जोड़ दिया गया है। उनकी ओर से एक हस्तक्षेप याचिका दाखिल कर चयनित सभी अभ्यर्थियों को प्रतिवादी बनाने की मांग की गई। जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया।

अदालत ने कहा कि इस मामले में अंतिम आदेश जारी करने के पूर्व सभी पक्षों को अपनी बात रखने का मौका मिलना चाहिए। इसके लिए सभी सफल उम्मीदवारों का भी पक्ष सुना जाना जरूरी है। इसी वजह से सभी को नोटिस देकर प्रतिवादी बनाया जा रहा है। बता दें कि प्रदीप राम व दिलीप कुमार सिंह सहित अन्य ने छठी जेपीएससी परीक्षा के परिणाम को चुनौती देते हुए कई याचिकाएं दाखिल की गई हैं।

इसमें परीक्षा का परिणाम निकालने में नियमों का पालन नहीं करने, मेधा सूची तैयार करने में गड़बड़ी, आरक्षण के नियमों का पालन नहीं करने एवं अन्य मामलों का उठाया गया है। कुछ अभ्यर्थियों का कहना है कि वह आरक्षित श्रेणी में आते हैं, लेकिन मेरिट के आधार पर उन्हें सामान्य श्रेणी का मानते हुए वित्त सेवा और योजना सेवा का कैडर दिया गया है। सफल अभ्यर्थियों के चयन में भी गड़बड़ी हुई है। इस कारण वह सफल उम्मीदवारों को भी प्रतिवादी बनाना चाहते हैं। इसके बाद अदालत ने सभी सफल उम्मीदवारों को नोटिस जारी कर प्रतिवादी बनाने का निर्देश दिया।


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