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एचईसी की 656 एकड़ भूमि नगर विकास के हवाले

रांची : राजधानी राची के एचईसी स्थित कोर कैपिटल एरिया में प्रस्तावित राची स्मार्ट सिटी (एरिया बेस्ड ड

By JagranEdited By: Published: Wed, 23 May 2018 06:20 PM (IST)Updated: Wed, 23 May 2018 06:20 PM (IST)
एचईसी की 656 एकड़ भूमि नगर विकास के हवाले
एचईसी की 656 एकड़ भूमि नगर विकास के हवाले

रांची : राजधानी राची के एचईसी स्थित कोर कैपिटल एरिया में प्रस्तावित राची स्मार्ट सिटी (एरिया बेस्ड डेवलपमेंट) के लिए एचईसी ने 656.3 एकड़ भूमि राज्य सरकार के हवाले कर दिया है। नगर विकास मंत्री सीपी सिंह की उपस्थिति में विभाग के विशेष सचिव बीपीएल दास और एचईसी के सीएमडी अभिजीत घोष ने इससे संबंधित करारनामे पर हस्ताक्षर किया। मौके पर मंत्री ने कहा कि करार के बाद अब सरकार और एचईसी के बीच कोई विभेद नहीं रहा। उन्होंने कहा कि शहरों के बेहतरी के लिए सरकार लगातार काम कर रही है। इसी क्रम में बेहतर नागरिक सुविधा प्रदान करने और सुसज्जित राजधानी बनाने के लिए स्मार्ट सिटी की परिकल्पना की गई है।

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नगर विकास मंत्री ने कहा कि एचईसी कभी देश के लिए गौरव हुआ करता था, परंतु वैश्रि्वकरण के इस युग में कतिपय कारणों से कंपनी लगातार घाटे में जाती रही। राज्य सरकार इसकी बेहतरी के लिए काफी गंभीर है। यही वजह है कि सरकार ने स्मार्ट सिटी के लिए एचईसी की जमीन लेने का फैसला किया। इस एवज में सरकार एचईसी को 743 करोड़ रुपये देगी। 429 करोड़ रुपये पहले दिए जा चुके हैं। इस पैसे से एचईसी के रिवाइवल में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का काम काफी तेजी से चल रहा है। इस इलाके में कई ऐसे भवन बन रहे हैं, जो बहुद्देशीय हैं। झारखंड अर्बन प्लानिंग मैनेजमेंट इन्स्टीट्यूट, अर्बन सिविक सेंटर, कंवेंशन सेंटर इसकी बानगी हैं।

करार के बाद मीडिया से मुखातिब एचईसी के सीएमडी अभिजीत घोष ने कहा कि जमीन के बदले मिले पैसे का उपयोग कर्मचारियों और अन्य मदों में बकाए के भुगतान में किया जाएगा। उन्होंने नगर विकास मंत्री से आग्रह किया कि सरकार चाहे तो और एक हजार एकड़ जमीन विभिन्न शहरी परियोजनाओं के लिए ले सकती है। इससे जहां सरकार को विभिन्न परियोजनाओं के लिए जमीन मिल जाएगी, वहीं कंपनी की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो जाएगी।

यह पूछे जाने पर कि सरकार को जमीन देने के बाद जब एचईसी के विस्तार की जरूरत होगी, कंपनी क्या करेगी। उन्होंने स्पष्ट कहा एचईसी के प्लांट के परिसर में अभी भी बहुत जमीन है। औद्योगिक आवश्यकता नहीं होने पर जमीन रैयतों को वापस करने से जुड़े प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि यह रिवाइवल के लिए है, इससे क्षेत्रवासियों को ही लाभ होगा। उन्होंने कहा कि कंपनी के कई उपकरण आउटडेटेड हो चुके हैं। एचईसी से खनन आदि के लिए उपकरणों के निर्माण के अलावा अब न्यूक्लियर प्लांट के लिए उपकरण बनाने की तैयारी में है। 27 मई को कई कंपनियों के प्रतिनिधि आ रहे हैं।


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