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झारखंड में 60 लाख बच्चों को दी जाएगी पोलियो रोधी दवा Ranchi News

Jharkhand. रविवार 19 जनवरी को पल्स पोलियो अभियान। बूथों पर पांच साल तक के बच्चों को खुराक दिया जाएगा। 20-21 जनवरी को घर-घर दवा पिलाएगी जाएगी।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Sat, 18 Jan 2020 09:12 PM (IST)Updated: Sat, 18 Jan 2020 09:12 PM (IST)
झारखंड में 60 लाख बच्चों को दी जाएगी पोलियो रोधी दवा Ranchi News
झारखंड में 60 लाख बच्चों को दी जाएगी पोलियो रोधी दवा Ranchi News

रांची, राज्य ब्यूरो। पूरे राज्य में पल्स पोलियो अभियान रविवार को चलाया जाएगा। सभी बूथों पर बच्चों को पोलियो रोधी दवा की खुराक निश्शुल्क दी जाएगी, जबकि 20 और 21 जनवरी को स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर घर जाकर बच्चों को पोलियो की दवा पिलाएंगे। पल्स पोलियो के इस चक्र में राज्यभर में शून्य से पांच साल तक के 60 लाख बच्चों को पोलियो दवा पिलाने का लक्ष्य रखा गया है।

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एक दिन पूर्व शनिवार को इस अभियान का शुभारंभ डोरंडा स्थित राजकीय औषधालय में हुआ। इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ. नितिन मदन कुलकर्णी ने पल्स पोलियो कार्यक्रम के 25 साल पूरे होने की जानकारी देते हुए कहा कि पिछले 10 साल में पूरे भारत में पोलियो का एक भी केस सामने नहीं आया है। अभी यह अभियान इसलिए जरूरी है, क्योंकि हमारे पड़ोसी देशों में पोलियो वायरस पाए जा रहे हैं।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान, झारखंड के अभियान निदेशक डॉ. शैलेश कुमार चौरसिया ने कहा कि यदि किसी एक बच्चे में भी इसका वायरस रह जाता है, तो इसके दोबारा वापस आने की संभावना ज्यादा बन जाती है। इसलिए कोई भी बच्चा इससे छूटे नहीं। निदेशक प्रमुख, स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. जेपी सांगा ने बताया कि पोलियो का अंतिम मामला 13 जनवरी 2011 को पाया गया था। बताया कि राज्य में चिह्नित किए गए 5,319 उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों जैसे ईंट भठ्ठा, निर्माण स्थल, जनजाति बहुल क्षत्रों में भी टीकाकरण होगा।

रांची का नहीं रहा है संतोषजनक प्रदर्शन

प्रधान सचिव ने कहा कि इस अभियान की सबसे बड़ी समस्या शहरों के वैसी स्लम बस्तियां हैं, जो आधिकारिक आंकड़ों में नहीं हैं। वहां पहुंचकर बच्चों को यह दवा पिलाने की जरूरत है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि रांची शहरी क्षेत्र में इस अभियान की उपलब्धि संतोषजनक नहीं रहती है। पिछले साल शहरी क्षेत्र में लगभग 52 प्रतिशत उपलब्धि रही थी। इसलिए इस बार प्रयास होना चाहिए कि रांची शहरी क्षेत्र के बूथों पर 80-90 प्रतिशत उपलब्धि हो।


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