52 वर्ष की महिला के घुटने का सफल प्रत्यारोपण, सर्जरी के दूसरे दिन से ही चलने लगी मरीज Ranchi News
डॉक्टर रोहित लाल ने बताया कि इस महिला को ओस्टियोराइसिस था जिसके कारण इनको सीढ़ी चढ़ने उतरने में दिक्कत होती थी और घुटने में लगातार दर्द रहता था. ऑपरेशन के बाद इपयुडयूरल पेन मैनेजमेंट सिस्टम का इस्तेमाल किया गया
रांची, जासं। रांची के कोकर चौक स्थित सैमफोर्ड हॉस्पिटल में 52 साल की सुनीता खाना के घुटने का सफल प्रत्यारोपण किया गया। हॉस्पिटल के सीनियर ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉक्टर रोहित लाल ने 1 घंटे तक चली सर्जरी के बाद घुटने का सफलतापूर्वक प्रत्यारोपण किया। डॉक्टर रोहित लाल ने बताया कि इस महिला को ओस्टियोराइसिस था, जिसके कारण इनको सीढ़ी चढ़ने उतरने में दिक्कत होती थी और घुटने में लगातार दर्द रहता था।
ऑपरेशन के बाद इपयुडयूरल पेन मैनेजमेंट सिस्टम का इस्तेमाल किया गया, इससे मरीज को दर्द नहीं के बराबर हुआ। सबसे खास बात है कि ऑपरेशन होने के दूसरे दिन से ही मरीज बिना किसी सहारे के चलने लगी। डॉक्टर रोहित लाल बताते हैं कि नी रिप्लेसमेंट के बाद फिजियोथैरेपी का सबसे महत्वपूर्ण योगदान होता है। इस हॉस्पिटल में नी रिप्लेसमेंट यूनिट और फिजियोथेरेपी डिपार्टमेंट है जहां लोगों को थेरेपी भी दिया जाता है।
सैमफोर्ड हॉस्पिटल में स्टेट ऑफ द आर्ट फिजियोथैरेपी डिपार्टमेंट है, जहां एक्सपर्ट फिजियोथैरेपिस्ट के द्वारा फिजियो थेरेपी भी कराया जाता है। डॉक्टर रोहित लाल आस्ट्रेलिया से ज्वाइंट रिप्लेसमेंट की ट्रेनिंग लेकर आए हैं। इसके पहले सफदरजंग नई दिल्ली और सर गंगा राम अस्पताल में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। 2 साल से इस हॉस्पिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं और इन 2 सालों में ऑर्थोपेडिक्स से जुड़े कई जटिल इलाज के साथ 100 से अधिक सफल ज्वाइंट रिप्लेसमेंट कर चुके हैं।
दूरबीन से होता है लिगामेंट का ऑपरेशन
सैमफोर्ड हॉस्पिटल का ऑर्थोपेडिक्स डिपार्टमेंट काफी हाईटेक है। यहां के ऑपरेशन थिएटर में कई अपडेटेड मशीनरी भी उपलब्ध हैं। डेडीकेटेड फिजियोथैरेपिस्ट भी यहां उपलब्ध है। यहां दूरबीन से लिगामेट का ऑपरेशन किया जाता है। यहां डेडीकेटेड ऑपरेशन थिएटर भी उपलब्ध है। एक्सीडेंट के बाद कई ऐसे मरीज भी इस अस्पताल में पहुंचे, जिनका शहर के कई अस्पतालों ने इलाज करने से मना कर दिया। सैमफोर्ड अस्पताल में डॉक्टरों की टीम ने उस मरीज को ठीक किया है।