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रांची रेलवे स्टेशन में लाइटर पिस्टल से लूटपाट में नाबालिग सहित 5 गिरफ्तार Ranchi News

Jharkhand Crime News पिछले साल अक्टूबर महीने में रांची रेलवे स्टेशन से देर रात निकले एक यात्री से नकली पिस्टल के बल पर पांच अपरधियो ने स्टेशन के ब्रिज के पास से मोबाइल और पैसे लूट लिए थे।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Sun, 08 Nov 2020 12:37 PM (IST)Updated: Sun, 08 Nov 2020 12:41 PM (IST)
रांची रेलवे स्टेशन में लाइटर पिस्टल से लूटपाट में नाबालिग सहित 5 गिरफ्तार Ranchi News
सीसीटीवी फुटेज से अपराधी पकड़ाए। फाइल फोटो

रांची, जासं। रांची रेलवे स्टेशन में लाइटर पिस्टल के बल पर हुई लूटपाट का एक साल बाद खुलासा हुआ है। मामले में हिंदपीढ़ी थाने की पुलिस के सहयोग से नाबालिग सहित पांच को रेलवे पुलिस ने दबोच लिया है। जानकारी के अनुसार पिछले साल अक्टूबर महीने में रांची रेलवे स्टेशन से देर रात निकले एक यात्री से नकली पिस्टल के बल पर पांच अपरधियों ने स्टेशन के ब्रिज के पास से मोबाइल और पैसे लूट लिए थे। इसके बाद यात्री ने जीआरपी में मामला दर्ज करवाया था। उसी समय से पुलिस पांचों आरोपियों की तलाश में जुटी हुई थी।

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हिंदपीढ़ी थाना की पुलिस की मदद से गिरफ्तारी

मामले की जांच में जुटी रेलवे पुलिस को एक आरोपित की तस्वीर सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से हाथ लगी थी। पहचान करवाने पर यह जानकारी हासिल हुई कि आरोपी रांची के हिंदपीढ़ी इलाके का रहने वाला है। आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर रेलवे पुलिस ने हिंदपीढ़ी थाने की पुलिस से संपर्क किया। इसके बाद हिंदपीढ़ी थानेदार ज्ञानरंजन की सहायता से रेल पुलिस ने सबसे पहले एक आरोपी को दबोचा। पूछताछ पर उसने अपने अन्य चार साथियों के नाम बताए। उन्हें भी शनिवार देर रात छापेमारी कर धर दबोचा गया।

ये हुए गिरफ्तार

लूट की वारदात में शामिल मोहम्मद इमरोज़, मोहम्मद इबरार, मोहम्मद तंजील हसन और मोहम्मद जीशान को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। वहीं इस मामले में एक नाबालिग भी शामिल है। रेल पुलिस गिरफ्तार अपराधियों के आपराधिक इतिहास का पता लगा रही है ताकि कुछ और मामलों का भी खुलासा हो सके।

लाइटर वाली नकली पिस्टल का करते थे इस्तेमाल

अनुसंधान के क्रम में यह बात सामने आई कि पिस्टल के बल पर लूट की वारदात को अंजाम दिया गया है। लेकिन गिरफ्तारी के बाद आरोपियों ने बताया कि वे लोग लाइटर वाली नकली पिस्टल का प्रयोग लूटपाट के लिए किया करते थे। इसमें अपराधी लूट की वारदात को अंजाम देते थे। उस समय पीड़ित यह समझ नहीं पाता था कि अपराधियों के पास खिलौने वाला हथियार है।


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