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एयर एशिया के विमान से पहुंचे 43 प्रवासी मजदूर, भारत-चीन बॉर्डर पर सड़क निर्माण का कर रहे थे काम

शनिवार को एयर एशिया के विमान से शाम 6.40 बजे लेह-लद्दाख से कुल 43 मजदूर रांची पहुंचे।

By JagranEdited By: Published: Sun, 14 Jun 2020 02:06 AM (IST)Updated: Sun, 14 Jun 2020 06:10 AM (IST)
एयर एशिया के विमान से पहुंचे 43 प्रवासी मजदूर, भारत-चीन बॉर्डर पर सड़क निर्माण का कर रहे थे काम
एयर एशिया के विमान से पहुंचे 43 प्रवासी मजदूर, भारत-चीन बॉर्डर पर सड़क निर्माण का कर रहे थे काम

जागरण संवाददाता, राची : शनिवार को एयर एशिया के विमान से शाम 6.40 बजे लेह-लद्दाख से कुल 43 प्रवासी मजदूर बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पहुंचे। प्रशासनिक अधिकारियों ने सभी प्रवासी मजदूरों को भोजन के पैकेट व बोतल बंद पानी उपलब्ध कराए। सभी मजदूर दुमका जिला के रहने वाले हैं। प्रवासी मजदूर करीम अंसारी ने बताया कि नौ माह पहले वे भारत-चीन के बॉर्डर पर सड़क निर्माण का काम करने गए थे। लॉकडाउन की घोषणा होते ही सड़क निर्माण का काम बंद कर दिया गया था। फिर घर से कॉल आया कि झारखंड के प्रवासी मजदूरों को वापस लाने के लिए राज्य सरकार की ओर से व्यवस्था की जा रही है। घर वापसी के लिए इच्छुक मजदूरों को राज्य सरकार के एप पर अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा। उन्होंने बताया कि स्थिति सामान्य होने के बाद काम पर बुलाया जाएगा तो वे खुशी-खुशी लेह-लद्दाख जाएंगे। बताया कि लेह-लद्दाख में जिस जगह पर मजदूरों को रखा गया था, वहा मोबाइल नेटवर्क काफी कमजोर था। राज्य सरकार के एप पर रजिस्ट्रेशन कराने के लिए सभी मजदूरों को वहा से सौ किमी. दूर बीआरओ के मुख्यालय लाया गया। हालाकि पहली बार किया गया रजिस्ट्रेशन फेल हो गया। फिर बीआरओ के अधिकारियों ने झारखंड सरकार के कंट्रोल रूम से संपर्क किया तो बताया गया कि एक से तीन जून तक लिंक खोला जा रहा है। घर वापसी के इच्छुक प्रवासी मजदूरों का रजिस्ट्रेशन कराएं। उसके बाद लिंक खुलते ही इच्छुक प्रवासी मजदूरों को रजिस्ट्रेशन कराया गया। प्रवासी मजदूर बबलू साहा ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान काम बंद था। हालाकि बीआरओ के माध्यम से भोजन-पानी की व्यवस्था उपलब्ध करायी गई थी। फिर भी घर वापस लौटने की जल्दी थी। हम सभी परेशान थे कि लॉकडाउन में अपने घर कैसे जाएंगे। झारखंड सरकार ने हमें वापस लाने के लिए विमान की सुविधा उपलब्ध कराई। प्रवासी मजदूर शिवलाल हेंब्रम ने बताया कि बीआरओ में काम करने के दौरान कुछ मजदूरों को दो-चार हजार रुपये बकाया है। अधिकारियों ने कहा है कि बकाया राशि संबंधित प्रवासी मजदूरों के घर भेज दिए जाएंगे। लेह से दिल्ली आने के दौरान अधिकारियों ने सभी प्रवासी मजदूरों के काम के अनुसार किसी को पाच हजार तो किसी को तीन हजार रुपये दिया। बताया कि लेह से बीआरओ ने अपने वाहन से एयरपोर्ट तक पहुंचाया। उसके बाद स्पाइस जेट के विमान से दिल्ली और एयर एशिया के विमान से दिल्ली से राची पहुंचे। प्रशासन की ओर से प्रवासी मजदूरों को दुमका पहुंचाने के लिए एक बस की व्यवस्था की गई थी।

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