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40 Court Building Ranchi Inauguration: हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन ने किया हाई टेक कोर्ट का उद्घाटन

जूडिशियल अधिकारियों के लिए ई-लाइब्रेरी बनायी गई है। सभी 40 कोर्ट में वीडियो कांफ्रेंसिंग की सुविधा उपलब्‍ध कराई गई है। सुरक्षा के दृष्टिकोण से 350 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।

By Alok ShahiEdited By: Published: Sat, 25 Jan 2020 10:53 AM (IST)Updated: Sat, 25 Jan 2020 11:23 AM (IST)
40 Court Building Ranchi Inauguration: हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन ने किया हाई टेक कोर्ट का उद्घाटन
40 Court Building Ranchi Inauguration: हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन ने किया हाई टेक कोर्ट का उद्घाटन

रांची, जेएनएन। राजधानी रांची में करोड़ो रुपये की लागत से बने पांच तल्ला नये सिविल कोर्ट बिल्डिंग का शनिवार को विधिवत रूप से उद्घाटन हो गया। शनिवार को इसका उद्घाटन झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन ने किया। 40 कोर्ट के उद्घाटन के बाद चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन ने कहा कि न्याय की अविरल धारा बहे, इसमें ये इमारत नई गाथा लिखेगी। हर कोर्ट रूम में वीडियो कांफ्रेंसिंग होने से हर किसी को सुविधा होगी। हर मामले के लिए अब कैदियों को कोर्ट लाना जरूरी नहीं होगा। इस दौरान चीफ जस्टिस ने जेल में कैदियों द्वारा निर्मित सामग्रियों के प्रदर्शनी को भी देखा। नई 40 बिल्डिंग कोर्ट में ये प्रदर्शनी लगाई गई है।

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अत्याधुनिक सुविधा लैस नये कोर्ट बिल्डिंग में 40 कोर्ट रूम बनाये गए हैं। इस कारण बिल्डिंग का नाम 40 कोर्ट बिल्डिंग रखा गया है। कोर्ट के प्रथम तल्ला पर डालसा कार्यालय, पोक्सो कोर्ट, महिला कोर्ट होगा। दूसरा, तीसरा और चौथे तल्ले पर अन्य कोर्ट रूम होंगे। कोर्ट में पांचवे तल्ले पर कांफ्रेंस हॉल बनायी गई जिसमें एक साथ एक हजार लोगों के बैठने की व्यवस्था है। साथ में जूडिशियल अधिकारियों के लिए ई-लाइब्रेरी बनायी गई है। सभी 40 कोर्ट में वीडियो कांफ्रेंसिंग की सुविधा उपलब्‍ध कराई गई है। सुरक्षा के दृष्टिकोण से 350 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। फाइलों को सुरक्षित रखने के लिए फायरप्रूफ रूम बनाया गया है। पूरा भवन सेंट्रलाइज एसी से लैस है।

होटल की तरह होगा कोर्ट आने वालों का स्वागत

खास बात ये है कि बिल्डिंग के बेसमेंट में रिसेप्शन काउंटर बनाया गया है। किसी होटल की तरह नये कोर्ट बिल्डिंग में प्रवेश करते ही डालसा के पारा लीगल वालंटियर आपका स्वागत करेंगे। केस व कौन सा कोर्ट किस तल्ले पर इससे संबंधित जानकारी यहीं से मिल जायेगी। बेसमेंट में ही पीपी, एपीपी का चेंबर बनाया गया है। बच्चों के लिए चिल्ड्रेन एरिया की सुविधा होगी।

दिव्यांग, बच्चे व यौन पीडि़तों के लिए होगी विशेष सुविधा

नये कोर्ट बिल्डिंग को दिव्यांग, बच्चे व यौन पीडि़ताओं के लिए खास सुविधा होगी। यौन शोषण के शिकार पीडि़त/ पीडि़ता के लिए वलनरेवुल विटनेस वेटिंग रूम बनाया गया है। कोर्ट की सुनवाई के दौरान पीडि़त पक्ष का आरोपित से सामना नहीं होगा। वलनरेवुल विटनेस वेटिंग रूम से ही पीडि़त वीडियों कांफ्रेंसिंग के जरिये अदालत में पेश होंगे। पीडि़त अदालती कार्रवाई तो देख व सुन सकते हैं लेकिन अदालत में मौजूद अन्य लोग सिर्फ पीडि़त का आवाज ही सुन सकते हैं। यौन शोषण ही नहीं आपराधिक मामले में भी अगर गुनहगार रसूखदार है तो पीडि़त वलनरेवुल वेटिंग रूम से कोर्ट में हिस्सा लेने की अपील कर सकता है। साथ ही, महिलाओं व बच्चों के लिए अलग से वेटिंग रूम भी बनाया गया है। फीडिंग रूम भी है।

व्यवस्थित होगा डालसा कार्यालय, 11 मध्यस्थता चेंबर

प्रथम तल पर डालसा के लिए व्यवस्थित कार्यालय बनाया गया है। काफी स्पेस दिया गया है। मामलों के निपटारे के लिए 11 मध्यस्थता चेंबर बनाया गया है। महिला के अलग एवं पुरुष के लिए चेंबर बनाये गए हैं। डालसा चेयरमेन व सचिव का कार्यालय भी काफी खूबसूरत बनाया गया है।

दुकान में कैदियों के बनाये समान बेचे जाएंगे

कोर्ट रूम में चार जेल एवं महिला व सुधारगृह गृह के लिए चार काउंटर आवंटित किए गए हैं। काउंटर पर जेल व सुधारगृह में रहने वालों द्वारा बनाये गए सामान यथा, कैडल, अगरबत्ती, कागज का ठोंगा व अन्य हस्तशिल्प बेचे जाएंगे। इससे प्राप्त पैसा इन्हीं के कल्याण पर खर्च होगा।

मुख्य न्यायायुक्त व सीबीआइ कोर्ट पुराने भवन में चलेगा

मुख्य न्यायायुक्त व सीबीआइ कोर्ट पुराने भवन में ही चलेगा। नये भवन में अधिकतर न्यायिक दंडाधिकारी, फैमली कोर्ट, डालसा कार्यालय को शिफ्ट किया गया है। डालसा के चेयरमेन मुख्य न्यायायुक्त होते हैं। इस कारण नये भवन में भी मुख्य न्यायायुक्त के लिए चेंबर बनाया गया है। नये भवन के प्रथम तल्ले को न्यायायुक्त कार्यालय से जोड़ा गया है।


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