विधानसभा का मानसून सत्र : पहले दिन 3908 करोड़ का अनुपूरक बजट पेश Ranchi News
Jharkhand Assembly Monsoon Session. पहले दिन संसदीय कार्यमंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने आय-व्यय की विवरणी रखी।
By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Mon, 22 Jul 2019 11:45 AM (IST)Updated: Mon, 22 Jul 2019 05:42 PM (IST)
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार को शुरू हो गया है। सत्र की शुरुआत में पहले दिन संसदीय कार्यमंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने आय-व्यय की विवरणी रखी। इसके बाद 3908 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पेश किया गया। इससे पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव से मुलाकात कर उन्हें शुभकामनाएं दी। सत्र आरंभ होने से पहले सदन ने दिवंगत नेताओं और शहीदों को याद किया। इस दौरान उपस्थित सदस्याें ने दो मिनट का मौन रखा। अनुपूरक बजट पेश होने के बाद सदन की कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। दूसरी ओर, झारखंड विधानसभा के समक्ष कांग्रेस के विधायकों ने झारखंड को सूखाग्रस्त करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया।
पांच दिवसीय इस सत्र के हंगामेदार होने के आसार हैं। इस मानसून सत्र के दौरान राज्य सरकार जहां अपने 4.5 साल के विकास का रिपोर्ट कार्ड लेकर सदन में हाजिर होगी, वहीं विपक्ष सरकार की खामियों को गिनाएगा। चर्चा के दौरान तल्खी स्वाभाविक है। हालांकि इतना तो तय है कि विपक्ष इस अंतिम सत्र के दौरान सदन से वॉकआउट करने से परहेज करेगा। क्योंकि विपक्ष का अब तक का वॉकआउट सत्ता पक्ष को वॉकओवर ही देता आया है।
विपक्ष इन मुद्दों पर घेरेगा
मॉब लिचिंग : हाल ही में झारखंड में हुई मॉब लिचिंग की घटना ने पूरे देश में सुर्खियां बटोरी है। विधि व्यवस्था से जुड़े इस मुद्दे पर विपक्ष सत्ता पक्ष को घेरेगा।
मंत्रियों के कामकाज : मंत्रियों के कामकाज पर भी सवाल उठेंगे। नगर विकास मंत्री सीपी सिंह खुद अपने लोगों द्वारा घेरे जाते रहे हैं। वहीं, सरयू राय अपने ही महकमे की खामियों को स्वीकार करने से गुरेज नहीं करते। जब कामकाज को लेकर सत्ताधारी दल में ही टकराव है तो विपक्ष चुटकी तो लेगा ही।
सत्ता पक्ष के मुद्दे
विकास का एजेंडा : सत्ता पक्ष राज्य सरकार के साढ़े चार साल के कार्यकाल के विकास को आधार बनाएगा। विपक्ष के विकास विरोधी बताने की भी सत्ता पक्ष की कोशिश होगी।
आदिवासी हितों पर टकराव : आदिवासी हितों को लेकर सरकार के स्तर से किए गए कामकाज को सत्ता पक्ष पूरी तैयारी के साथ चर्चा के दौरान रखेगा। नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन को सीएनटी एक्ट के उल्लंघन के आरोप पर भी घेरने की कोशिश होगी।
पांच दिवसीय इस सत्र के हंगामेदार होने के आसार हैं। इस मानसून सत्र के दौरान राज्य सरकार जहां अपने 4.5 साल के विकास का रिपोर्ट कार्ड लेकर सदन में हाजिर होगी, वहीं विपक्ष सरकार की खामियों को गिनाएगा। चर्चा के दौरान तल्खी स्वाभाविक है। हालांकि इतना तो तय है कि विपक्ष इस अंतिम सत्र के दौरान सदन से वॉकआउट करने से परहेज करेगा। क्योंकि विपक्ष का अब तक का वॉकआउट सत्ता पक्ष को वॉकओवर ही देता आया है।
विपक्ष इन मुद्दों पर घेरेगा
मॉब लिचिंग : हाल ही में झारखंड में हुई मॉब लिचिंग की घटना ने पूरे देश में सुर्खियां बटोरी है। विधि व्यवस्था से जुड़े इस मुद्दे पर विपक्ष सत्ता पक्ष को घेरेगा।
मंत्रियों के कामकाज : मंत्रियों के कामकाज पर भी सवाल उठेंगे। नगर विकास मंत्री सीपी सिंह खुद अपने लोगों द्वारा घेरे जाते रहे हैं। वहीं, सरयू राय अपने ही महकमे की खामियों को स्वीकार करने से गुरेज नहीं करते। जब कामकाज को लेकर सत्ताधारी दल में ही टकराव है तो विपक्ष चुटकी तो लेगा ही।
सत्ता पक्ष के मुद्दे
विकास का एजेंडा : सत्ता पक्ष राज्य सरकार के साढ़े चार साल के कार्यकाल के विकास को आधार बनाएगा। विपक्ष के विकास विरोधी बताने की भी सत्ता पक्ष की कोशिश होगी।
आदिवासी हितों पर टकराव : आदिवासी हितों को लेकर सरकार के स्तर से किए गए कामकाज को सत्ता पक्ष पूरी तैयारी के साथ चर्चा के दौरान रखेगा। नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन को सीएनटी एक्ट के उल्लंघन के आरोप पर भी घेरने की कोशिश होगी।
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