गंगा को प्रदूषण से बचाने की परियोजना में छह करोड़ 39 लाख का इजाफा
रांची : झारखंड के राजमहल में प्रवाहित हो रही गंगा को प्रदूषण से बचाने के लिए तैयार परिया
रांची : झारखंड के राजमहल में प्रवाहित हो रही गंगा को प्रदूषण से बचाने के लिए तैयार परियोजना की लागत राशि में 12.72 फीसद की बढ़ोतरी (50करोड़ 58 लाख रुपये से बढ़ाकर 56 करोड़ 97 लाख रुपये) का प्रस्ताव नगर विकास एवं आवास विभाग ने योजना प्राधिकृत समिति को स्वीकृति के लिए भेजा है।
विभाग ने इस मामले में जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय के निर्देश का हवाला दिया है। निर्देश के मुताबिक किसी कारणवश निविदा में अधिक राशि व्यय होने पर पूर्व के प्राक्कलन में 10 फीसद तक की वृद्धि की जा सकती है। शेष 2.72 फीसद की वृद्धि की मूल वजह विभाग ने एक जुलाई 2017 से प्रभावी जीएसटी को बताया है और प्रस्ताव पर स्वीकृति देने की अनुशंसा की है।
प्रस्ताव के अनुसार गंगा नदी बेसिन प्रोजेक्ट के तहत राजमहल क्षेत्र के दूषित पानी को गंगा में जाने से रोकने के लिए 5058 करोड़ रुपये की योजना बनाई गई थी। इसके तहत 34.21 किलोमीटर सीवरेज नेटवर्क का विस्तार, पंपिंग स्टेशन तथा सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट आदि का निर्माण प्रस्तावित है। नगर विकास एवं आवास विभाग की अनुषंगी इकाई जुडको ने इसके लिए पहली बार आठ सितंबर 2017 को टेंडर निकाला, जिसमें एक भी कंपनी ने शिरकत नहीं की। दूसरी बार आठ नवंबर को टेंडर निकला, जिसमें सिर्फ एक कंपनी सामने आई, लिहाजा इसे भी रद करना पड़ा। तीसरी बार 23 दिसंबर 2017 को टेंडर प्रकाशित हुआ और राजमहल में गंगा को प्रदूषण से बचाने की जवाबदेही अन्नू इंफ्रा कंस्ट्रक्शन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को सौंपी गई।
योजना प्राधिकृत समिति को भेजे गए प्रस्ताव में कहा गया है कि संबंधित कार्य को पूरा करने की निर्धारित कार्यावधि 21 महीने है। बाद के 10 वर्षो तक संबंधित परियोजना की देखरेख भी कंपनी करेगी।