झारखंड में एक साल में कोरोना से मर गए 32 पुलिसकर्मी, आश्रित अब भी लाभ से वंचित
राज्य में कोरोना वायरस से एक साल में अब तक 32 पुलिस पदाधिकारियों-कर्मियों की जान जा चुकी है। उनके आश्रित फ्रंटलाइन वर्कर के लाभ का इंतजार कर रहे हैं। पुलिस के सभी एसोसिएशन मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी बात रखेंगे और आग्रह करेंगे।
रांची, राज्य ब्यूरो । राज्य में कोरोना वायरस से एक साल में अब तक 32 पुलिस पदाधिकारियों-कर्मियों की जान जा चुकी है। उनके आश्रित फ्रंटलाइन वर्कर के लाभ का इंतजार कर रहे हैं। पुलिस के सभी एसोसिएशन मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी बात रखेंगे और आग्रह करेंगे कि कोरोना वायरस के संक्रमण के दौरान पुलिसकर्मी जान की बाजी लगाकर ड्यूटी कर रहे हैं तो उन्हें भी स्वास्थ्यकर्मियों की तरह 50 लाख रुपये के बीमा का लाभ मिले। अगर 50 लाख रुपये का बीमा नहीं भी हो तो कोरोना से मरने वाले पुलिसकर्मी को शहीद का दर्जा मिले। ऐसे पुलिसकर्मी के आश्रित को एक शहीद के आश्रित जैसा लाभ मिले।
झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष राकेश कुमार पांडेय ने बताया कि कोरोना वायरस से मरे पुलिसकर्मियों के परिवार को अब तक कोई आर्थिक लाभ नहीं मिला, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति बेहद खराब है। ड्यूटी के दौरान मौत के बाद सरकार की ओर से जो 25 लाख रुपये मिलते हैं, वह राशि भी अब तक नहीं मिली। मुख्यमंत्री से मिलकर एसोसिएशन इस बाबत आग्रह करेगा।
कोरोना से कब किसकी हुई मौत
-- हवलदार लवकुश सिंह (22.08.2020)