पर्यावरण संरक्षण को स्वर्णरेखा के किनारे लगेंगे 30000 पौधे
पर्यावरण संरक्षण व स्वर्णरेखा नदी में पानी के ठहराव को लेकर वन विभाग स्वर्णरेखा नदी के किनारे तीस हजार पौधों को लगाएगा।
अनगड़ा : पर्यावरण संरक्षण व स्वर्णरेखा नदी में पानी के ठहराव को लेकर वन विभाग स्वर्णरेखा नदी के किनारे पौधारोपण कर रहा है। इस वर्ष तीस हजार पौधे लगाए जाएंगे। पौधारोपण को लेकर सभी प्रकार के अग्रिम कार्य पूर्ण किए जा चुके हैं। जून माह में बारिश शुरू होते ही पौधरोपण शुरू कर दिया जाएगा। महिलोंग रेंजर आरके सिंह ने गाधीग्राम व मसनिया में पौधारोपण के लिए बने अग्रिम कार्य का निरीक्षण किया। साथ में अनगड़ा के पूर्व प्रमुख राजेंद्र शाही मुंडा भी थे। कंटीले तार से घेराबंदी करके पौधारोपण किया जाएगा। राजेंद्र शाही मुंडा ने कहा कि वनविभाग का यह सराहनीय कार्य है।
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10 किमी में लगाए जाएंगे पौधे
रेंजर आरके सिंह ने बताया कि स्वर्णरेखा नदी के किनारे दस किमी एरिया में तीस हजार पौधे लगाए जाएंगे। पौधारोपण होने से मिट्टी का कटाव रुकेगा, केचमेंट इलाके अतिक्रमणमुक्त होंगे, स्वर्णरेखा नदी में पानी का ठहराव होगा। इसे पार्क के रूप में विकसित किया जाएगा। पौधारोपण लालगढ़, महेशपुर, मसनिया, गाधीग्राम, गेतलसूद, लाधुपटोली व बनादाग इलाके में किया जाएगा। नदी के पानी प्रवाह वाले क्षेत्र में जामुन, कदम, करंज, नीम, बीच में फलदार पौधे आम, अमरूद, लीची के साथ साथ इमारती पौधे महोगनी, सागवान, सखुआ, शीशम और गम्हार लगाए जाएंगे। फ्रंटलाइन में फूलदार पौधे गुलमोहर, कचनार आदि लगाए जाएंगे। पौधारोपण के बाद इसकी सुरक्षा के लिए ग्रामीणों की कमेटी काम करेगी। पौधों के देखभाल के लिए वाचर रखा जाएगा।
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पिछले तीन सालों मे लगे हैं 76 हजार पौधे
पिछले तीन सालों में स्वर्णरेखा नदी के किनारे बालसिरिंग से गेतलसूद तक 78 हजार पौधे लगाए गए हैं। जून में तीस हजार पौधे और लगाए जाएंगे। मालूम हो कि राची सासद संजय सेठ ने भी वन विभाग को पत्र लिखकर स्वर्णरेखा नदी के किनारे को पार्क के रूप में विकसित करने की माग की थी। पौधारोपण होने से इसे आसानी से पार्क के रूप में विकसित किया जा सकता है।