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चौंकिए मत! देखिए कुपोषण से ग्रसित झारखंड का हाल, यहां 30% से अधिक बच्चे नहीं खाते मिड डे मील

जिस राज्य में आधे से अधिक बच्चे कुपोषण ग्रसित हैं उस राज्य के लिए यह स्थिति चिंता बढ़ाने वाली है। सबसे बदतर स्थिति पाकुड़ की है। यहां मिड डे मील का कवरेज 50 फीसद से कम है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Thu, 10 Oct 2019 07:59 AM (IST)Updated: Thu, 10 Oct 2019 12:58 PM (IST)
चौंकिए मत! देखिए कुपोषण से ग्रसित झारखंड का हाल, यहां 30% से अधिक बच्चे नहीं खाते मिड डे मील
चौंकिए मत! देखिए कुपोषण से ग्रसित झारखंड का हाल, यहां 30% से अधिक बच्चे नहीं खाते मिड डे मील

रांची, [नीरज अम्बष्ठ]। झारखंड के सरकारी स्कूलों में तीस फीसद से अधिक बच्चे मिड डे मील नहीं खा पाते। इतने बच्चों के स्कूलों से अनुपस्थित रहने से इसका लाभ बच्चों को नहीं मिल पाता। एक समीक्षा में यह बात सामने आई है कि पिछले जुलाई माह में बच्चों के नामांकन के अनुपात में योजना का कुल कवरेज 68 फीसद रहा। इस तरह इस माह लगभग 32 फीसद बच्चों ने मिड डे मील नहीं खाया।

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यह बात भी सामने आई है कि राज्य के नौ जिले ऐसे हैं जहां जुलाई माह में राज्य औसत से भी कम बच्चे स्कूलों में उपस्थित रहे और मिड डे मील खा पाए। इनमें लातेहार, गोड्डा, गिरिडीह, साहिबगंज, दुमका, गढ़वा, देवघर, जामताड़ा तथा पाकुड़ शामिल हैं। जिस राज्य में आधे से अधिक बच्चे कुपोषण के ग्रसित हैं उस राज्य के लिए यह स्थिति चिंता और बढ़ाने वाली है। योजना में सबसे बदतर स्थिति पाकुड़ की है जहां मई-जून में पाकुड़ जिले में नामांकन के विरुद्ध बच्चों की उपस्थिति और मिड डे मील का कवरेज 50 फीसद से कम रहा। जुलाई माह में भी इस जिले का परफारमेंस सबसे खराब रहा।

राज्य के मुख्य सचिव डा. डीके तिवारी ने इसपर चिंता जताते हुए स्कूलों व प्रखंडों में बच्चों के नामांकन के डाटा की जांच करने तथा इस स्थिति में अविलंब सुधार का सख्त निर्देश दिया है। इधर, गिरिडीह, गढ़वा, जामताड़ा, साहिबगंज तथा देवघर के अपर प्राइमरी स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति 60 फीसद से भी कम रही, जिसके कारण 40 फीसद से अधिक बच्चे मिड डे मील का लाभ नहीं ले पाए। मुख्य सचिव ने इसपर नाराजगी जताते हुए सभी उपायुक्तों को इसमें सुधार का निर्देश दिया है। उन्होंने सभी जिलों में बच्चों की न्यूनतम 75 फीसद उपस्थिति हर हाल में सुनिश्चित करने का आदेश दिया है।

जिलों में मिड डे मील का कवरेज

खूंटी : 77, रामगढ़ : 76, गुमला, चतरा : 75, सिमडेगा : 74,  पूर्वी  सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां, रांची, कोडरमा : 73, हजारीबाग, बोकारो : 72, पश्चिमी सिंहभूम : 71, लोहरदगा, धनबाद : 69, पलामू : 71, लातेहार : 65, गोड्डा : 64, गिरिडीह, साहिबगंज : 63, दुमका : 62, गढ़वा : 61, देवघर : 60, जामताड़ा : 59, पाकुड़ : 55, कुल : 68

केंद्र की स्वीकृति के विरुद्ध 82 से 89 फीसद कवरेज

केंद्र सरकार ने पिछले वित्तीय वर्ष में जितने बच्चों के लिए योजना की स्वीकृति दी थी, उसके विरुद्ध प्राइमरी स्कूलों में 82 फीसद तथा अपर प्राइमरी स्कूलों में 89 फीसद कवरेज रहा। राज्य सरकार ने प्रोग्राम एप्रूवल बोर्ड की बैठक में इसकी जानकारी दी है। राज्य के 11 जिलों में राज्य औसत से कम कवरेज रहा। इनमें कोडरमा, पाकुड़, गिरिडीह, सरायकेला-खरसावां, दुमका, साहिबगंज, खूंटी, धनबाद, गढ़वा, पलामू तथा गोड्डा शामिल हैं।


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