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Ranchi news : हटिया में खड़ी है 30 आइसोलेशन कोच वाली ट्रेन, क्यों नहीं लेते साहब

बस्ती के सारे लोग ही आतिश परस्त थे घर जल रहा था और समंदर करीब था। ये शेर रांची के अधिकारियों पर फिट बैठ रहा है। रांची रेल मंडल ने 30 आइसोलेशन कोच वाली ट्रेन बनाई है मगर इस ट्रेन का प्रयोग सरकार नहीं कर रही है।

By Sanjay Kumar SinhaEdited By: Published: Wed, 21 Apr 2021 06:30 AM (IST)Updated: Wed, 21 Apr 2021 06:30 AM (IST)
Ranchi news : हटिया में खड़ी है 30 आइसोलेशन कोच वाली ट्रेन, क्यों नहीं लेते साहब
रांची रेल मंडल ने 30 आइसोलेशन कोच वाली ट्रेन बनाई है

रांची (जासं) : बस्ती के सारे लोग ही आतिश परस्त थे, घर जल रहा था और समंदर करीब था। ये शेर रांची के अधिकारियों पर फिट बैठ रहा है। रांची रेल मंडल ने 30 आइसोलेशन कोच वाली ट्रेन बनाई है मगर, रांची में बेड के लिए मारामारी के बाद भी इस ट्रेन का प्रयोग सरकार नहीं कर रही है। हटिया में रेलवे के पास 270 बेड वाली ट्रेन खड़ी है। इस ट्रेन में मेडिकल की सारी सुविधाएं हैं। बस जिला प्रशासन इसमें डाक्टरों की तैनाती कर आक्सीजन आदि सुविधाओं से लैस कर इसका इस्तेमाल कर सकती है। मगर, अधिकारियों ने कभी इस तरफ ध्यान ही नहीं दिया। 

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रांची रेल मंडल ने पिछले साल कोरोना के मरीजों के लिए 60 आइसोलेशन कोच की जो ट्रेन बनाई थी, वह अभी बरकरार है। हालांकि ट्रेन से 30 कोच निकालकर रेलवे ने पैसेंजर ट्रेनों में इस्तेमाल कर लिए हैं। लेकिन 30 कोच की आइसोलेशन बेड वाली ट्रेन अभी भी मौजूद है। रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि 30 कोच के आइसोलेशन बेड वाली ट्रेन का जिला प्रशासन जब चाहे तब इस्तेमाल कर सकता है। एक कोच में नौ मरीजों को भर्ती किया जा सकेगा।

पिछले साल बनी थी 60 आइसोलेशन कोच वाली ट्रेन :  रेलवे ने पिछले साल ही 60 कोच वाली आइसोलेशन ट्रेन तैयार की थी। 60 कोच में 540 मरीजों को भर्ती किया जा सकता था। एक कोच में तीन टॉयलेट और एक बाथरूम बनाए गए हैं। एक कोच में 9 बेड तैयार किए गए हैं। पिछले साल भी जिला प्रशासन ने आइसोलेशन कोच वाली ट्रेन का इस्तेमाल नहीं किया। यह आइसोलेशन कोच वाली ट्रेन हटिया में अभी भी खड़ी है। अभी इस ट्रेन में 30 कोच ही बचे हैं। इन कोच में बेड के साथ ही मरीज के लिए जरूरी अन्य सुविधाएं भी मौजूद हैं। 

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रेलवे ने फिर सरकार को दी आइसोलेशन कोच की जानकारी : दपू रेलवे जोन के अधिकारियों ने सरकार को पत्र लिख कर उन्हें एक बार फिर बताया है कि उनके पास आइसोलेशन कोच वाली ट्रेन है जिसे इस्तेमाल किया जा सकता है। बस इसमें डाक्टरों की तैनाती की जरूरत है। आक्सीजन सिलेंडर रखे जा सकते हैं। ट्रेन को हटिया से लाकर रांची रेलवे स्टेशन के आसपास भी खड़ा किया जा सकता है। 

रेलकर्मी को नहीं मिला बेड, मौत 

रेलवे के परिचालन विभाग में कार्यरत सच्चिदानंद पांडेय की कोरोना से मंगलवार को मौत हो गई। सच्चिदानंद पांडेय की तबीयत बिगडऩे के बाद परिजन उन्हें लेकर रिम्स व सदर अस्पताल के चक्कर लगा रहे थे। मगर, कहीं उन्हें बेड नहीं मिला। इसके बाद उन्हें पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां उन्होंने मंगलवार को दम तोड़ दिया। 

रांची रेलमंडल में 150 रेल कर्मी संक्रमित 

रांची रेल मंडल में कोरोना पीडि़त रेल कर्मियों की संख्या बढ़ती जा रही है। अब तक कोरोना पीडि़त रेल कर्मियों की संख्या 150 पहुंच गई है। अधिकारियों ने रांची रेल मंडल में 50 फीसद कर्मचारियों को ही काम पर बुलाया जा रहा है। मगर, अब भी कई विभागों में अभी भी सभी कर्मचारियों को काम पर बुलाया जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि 50 स्टेशन मास्टर कोरोना पीडि़त हैं। सबसे ज्यादा परिचालन विभाग के कर्मचारी कोरोना पीडि़त हैं। 


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