Jharkhand Road Accident: चुटूपालू घाटी में भीषण सड़क हादसा, तीन की मौत-एक गंभीर
नेशनल हाइवे के चुटपालू घाटी में बुधवार की सुबह सरिया लदा एक ट्रेलर अनियंत्रित होकर दो ट्रैक्टर को रौंदते हुए दुर्घटनाग्रस्त एक ट्रेलर से टकरा गई।
रामगढ़, जासं। नेशनल हाइवे के चुटपालू घाटी में बुधवार की सुबह सरिया लदा एक ट्रेलर अनियंत्रित होकर दो ट्रैक्टर को रौंदते हुए दुर्घटनाग्रस्त एक ट्रेलर से टकरा गई। इससे दो ट्रैक्टर चालक व ट्रेलर के खलासी की घटनास्थल पर हीं मौत हो गई। जबकि ट्रेलर चालक गंभीर रूप से घायल हो गया। घाटी के इसी स्थान पर मंगलवार की देर रात एक भारी मशीनरी लदे एक ट्रेलर अनियंत्रित होकर पलट गया। इसमें चालक सहित चार लोग घायल हो गए। जबकि घाटी के ब्लैक स्पॉट के रूप में चिन्हित स्थल पर मंगलवार की सुबह एक कोयला लदा एलपी ट्रक दुर्घटनाग्रस्त होकर पलट गया था। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार यहां पहले से दुर्घटनाग्रस्त हुए दोनों वाहनों को क्रेन लगाकर हटाने का काम रामगढ़ पुलिस की मौजूदगी में एनएचएआई द्वारा किया जा रहा था।
इसी दौरान सुबह करीब 9.30 बजे रांची की ओर से तेज रफ्तार से आ रहे सरिया लदा ट्रेलर(एचआर69सी-9959) अनियंत्रित होकर महिंद्रा ट्रैक्टर शो रूम से कोडरमा जा रहे दो नए ट्रैक्टर इंजन को रौंदते हुए दुर्घटनाग्रस्त दोनों वाहनों से जा टकराई। दुर्घटना में दोनों ट्रैक्टर चालक व ट्रेलर चालक की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। वहां दुर्घटनाग्रस्त वाहनों को हटाने में लगे पुलिसकर्मी व एनएचएआई के लोग ट्रेलर को अनियंत्रित होता देख वहां से भाग कर अपनी जान बचाई। मृतकों में ट्रैक्टर चालक अनगड़ा थाना क्षेत्र के पुरुलिया रोड, तुरुप बस्ती निवासी जयपाल महतो व ओरमांझी थाना क्षेत्र के हुटूप बस्ती निवासी फलेंद्र महतो शामिल हैं। जबकि ट्रेलर के खलासी की अभी शिनाख्त नहीं हुई है। रामगढ़ पुलिस ने मौके पर ही घायल ट्रैक्टर चालक हरियाणा निवासी छोटू राम काे इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया है।
घाटी में भारी वाहनों के ब्रेकफेल होने जाने के कारण लगातार हो रही दुर्घटनाएं
रांची की ओर से आने के दौरान चुटूपालू घाटी में प्रवेश करते हीं भारी मालवाहकों का ब्रेकफेल हो जाता है। मंगलवार-बुधवार की देर रात्रि दुर्घटना में घायल हुए ट्रेलर(आरजे14जीएफ4912)के चालक राजस्थान निवासी सोनू कुमार ने बताया कि वह ओडिशा से ट्रेलर में भारी ड्रील मशीन लादकर दिल्ली जा रहा था। घाटी उतरते हीं अचानक गाड़ी का ब्रेक लगाना बंद हो गया। इसके बाद गाड़ी लगातार तेज गति पकड़ लिया। इसके बाद पलट गया। गाड़ी में कुल चार लोग थे। इसमें ड्रील मशीन के ऑपरेटर मो. मोईन, खलासी दुर्गा लाल व दिलशेर घायल हो गए।
वहीं गिरीडीह निवासी ट्रक चालक (जेएच11जी-6777) पिंकू यादव ने बताया कि वह पिपरवार से कोयला लादकर झुमरीतिलैया जा रहा था। घाटी में आते हीं गाड़ी का ब्रेकफेल हो गया। इसके बाद गाड़ी अनियंत्रित होकर पलट गया। इधर महिन्द्रा ट्रैक्टर शो रूम रांची से ट्रैक्टर इंजन लेकर कोडरमा जा रहे बुटी मोड़ निवासी एक चालक सुनील कुमार ने बताया कि वे लोग कुल छह ट्रैक्टर इंजन लेकर कोडरमा शो रूम में पहुंचाने जा रहे थे। सभी ट्रैक्टर आगे-पीछे चल रहा था। इसी दौरान तेज रफ़्तार से आ रहे सरिया लदे ट्रेलर ने उनके साथ चल रहे दो ट्रैक्टर को रौंद दिया।
घाटी में तकनीकी खामियों को दूर नहीं कर रही एनएचएआई
चुटूपालू घाटी में लगातार सड़क दुर्घटनाएं हो रही है। तकनीकी खामियाें के कारण बाहर से आने वाले भारी वाहनों के ब्रेकफेल हो जाने के कारण अधिकांश दुर्घटनाएं यहां हो रही है। घाटी के एक हीं घुमावदार स्थल पर वाहनों के अनियंत्रित होकर पलटने की बात सामने आयी है। लॉकडाउन के दौरान ही घाटी में हुए वाहन दुर्घटनाओं में अबतक एक दर्जन से अधिक वाहन चालक-खलासी सहित वाहन पर सवार होकर जाने वाले प्रवासी मजदूरों की मौत हो चुकी है। घाटी में व्याप्त तकनीकी खामियों को दूर करने के लिए उपायुक्त व पुलिस अधीक्षक स्तर पर कई बार एनएचएआई के अधिकारियों को पत्र लिखा जा चुका है। लेकिन अभी तक तकनीकी खामियों को दूर नहीं किया जा सका है।
घाटी में दुर्घटनाओं को रोकने के लिए लिखा गया है वरीय अधिकारियों को पत्र
रामगढ़ थाना प्रभारी इंस्पेक्टर विद्या शंकर ने बताया कि घाटी में एक ही जगह लगातार वाहन दुर्घटनाएं हो रही है। घाटी में हमेशा वाहन दुर्घटनाओं के होने का भय बना रहता है। तकनीकी खामियों के कारण ही घाटी में लगातार सड़क दुर्घटनाएं हो रही है। इस संबंध में कई बार विभाग के अधिकारियों को पत्र लिखकर तकनीकी खामियों को दूर कर जगह-जगह रबर स्ट्रीप लगाने व घाटी के घुमाव को कम कराने का अनुरोध किया जा चुका है। लेकिन एनएचएआई इस बार कोई ध्यान नहीं दे रही है।
घाटी में गाड़ियों के स्पीड रहने के कारण हो रही दुर्घटनाएं : पीडी
चुटूपालू घाटी में लगातार हो रही दुर्घटनाओं के संबंध में पूछने पर एनएचएआई के पीडी अजय कुमार ने बताया कि घाटी में दुर्घटना होना दुखद बात है। लेकिन गाड़ियों के स्पीड रहने के कारण दुर्घटनाएं हो रही है। इसमें हमलोग क्या कर सकते हैं। घाटी में वाहनों को धीरे चलना है। जहां तक घाटी में तकनीकी खामियों की बात है तो उसे ठीक करने का काम जितना समझ में आ रहा है, कर रहे हैं। घाटी में टर्निंग ज्यादा है। घाटी उतरते हीं स्पीड अधिक हो जाता है। घाटी को चौड़ीकरण का काम किया जा रहा है। जगह-जगह रबर स्ट्रीप भी लगाया जा रहा है। सांकेतिक साइन बोर्ड भी लगाया गया है।