विद्यार्थियों के 24 समूहों ने प्रस्तुत किए नवीन विचार
बिरला प्रौद्योगिकी संस्थान मेसरा में कंप्यूटर साइंस विभाग की ओर से स्मार्ट इंडिया पर कार्यक्रम हुआ।
जागरण संवाददाता, रांची : बिरला प्रौद्योगिकी संस्थान मेसरा में कंप्यूटर साइंस विभाग की ओर से स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन का आयोजन किया गया। प्रतिभागी समूहों को 15 मिनट का समय अपने विचारों को प्रस्तुत करने के लिए दिया गया। सभी ने अपने विचार निर्णायक मंडल व सह प्रतिभागियों के समक्ष रखें। छात्रों के विचारों के मूल्याकन के लिए पाच आधार तय किए गए थे। उनका मूल्याकन संकल्पना और अभिनव, एल्गोरिथम और उसके क्रियान्वयन, तकनीकी दक्षता, विषय वस्तु की पूर्णता और उनके संकल्पना का समाज पर प्रभाव के आधार पर किया गया। 24 समूहों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया।
इनमें 7 समूहों ने हार्डवेयर के क्षेत्र में और 17 समूहों ने सॉफ्टवेयर के क्षेत्र में अपनी दक्षता का प्रदर्शन किया। अव्वल आने वाले शुरू के सात समूहों ने स्मार्ट इंडिया हैकाथन 2020 के फाइनल राउंड में प्रवेश किया।
निर्णायक मंडल में डॉ. अभिजीत मुस्तफी, डॉ.केएस पटनायक और डॉ. दिलीप कुमार उपाध्याय शामिल रहे। ड्रोन और वाहनों की कैमरा निगरानी के साथ कचरे के संग्रह को आसान बनाने व कचरा सूचकाक के मानचित्र को तैयार करने के यन्त्र शामिल रहे। ऑनलाइन सत्र के दौरान ध्यान अवधि की निगरानी और माप करने के लिए तंत्र का निर्माण की प्रक्रिया शामिल रही।
डीएवी के बच्चों ने की पिकनिक
संसू, सिल्ली : एमएएस डीएवी स्कूल सिल्ली के छठी एवं आठवीं कक्षा के बच्चों ने सिल्ली रामडेरा स्थित मृग पुनर्वास केंद्र तथा दृष्टि श्रव्य पार्क का भ्रमण किया। बच्चे मृग पुनर्वास केंद्र में हिरणों को विचरण करते देख आनंदित हुए। बच्चों का कौतूहल और उत्साह देखने के काबिल था। कई बच्चे पहली बार ग्रुप में पिकनिक पर गए थे। सभी ने जमकर मजे किए। वहीं, पर बच्चों ने पूरे अनुशासन में खाना खाया, फिर पार्क में लगे विभिन्न झूले एवं स्लाइडिंग में बच्चों ने जमकर मजा लिया एवं खूब मौज-मस्ती की। इस मौके पर स्कूल के शिक्षक शशाक शेखर, शातनु कुमार दत्ता, विकास कुमार दुबे एवं शिक्षिका ज्योति सिंह सहित स्कूल के स्टाफ भी बच्चों के साथ मौजूद थे। वहीं, बच्चों के साथ भ्रमण पर आए शिक्षकों ने बताया कि पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों को इस तरह का भ्रमण करवाना भी आवश्यक है। मनोरंजन के साथ-साथ बच्चों को आत्मनिर्भर बनने और आसपास के माहौल के साथ तालमेल बिठाने में ऐसे कार्यक्रम मददगार होते हैं।