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आयुष्मान भारत योजना से बाहर किए गए झारखंड के 21 अस्‍पताल, जांच के बाद की गई कार्रवाई

Ayushman Bharat Yojana. पूरे देश में 171 अस्पतालों को इस योजना से बाहर किया गया है। इन्‍हें गलत ढंग से सूचीबद्ध किया गया था। ये अर्हता भी नहीं रखते।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Sun, 05 Jan 2020 11:00 AM (IST)Updated: Sun, 05 Jan 2020 11:00 AM (IST)
आयुष्मान भारत योजना से बाहर किए गए झारखंड के 21 अस्‍पताल, जांच के बाद की गई कार्रवाई
आयुष्मान भारत योजना से बाहर किए गए झारखंड के 21 अस्‍पताल, जांच के बाद की गई कार्रवाई

रांची, राज्य ब्यूरो। आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत पूरे देश में अबतक 171 अस्पतालों को विभिन्न गड़बडिय़ों में योजना से बाहर किया गया है। इनमें से 21 झारखंड के हैं। आयुष्मान भारत योजना के पोर्टल पर इन अस्पतालों के सूची से बाहर किए जाने के तथ्य दर्ज हैं। झारखंड के ये सभी अस्पताल योजना के तहत निर्धारित अर्हता और शर्तें पूरी नहीं करते थे। इन 21 अस्पतालों में  20 पलामू के हैं, जबकि एक मेहर जीवन नर्सिंग होम एंड डेंटल केयर रांची का है।

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पलामू में गलत ढंग से पैसे लेकर इन अस्पतालों को सूचीबद्ध किया गया था। जांच में इसकी पुष्टि होने के बाद इन सभी को योजना से बाहर किया गया। इनमें आनंद सेवा सदन, आरोग्यम हॉस्पिटल, आर्यन हॉस्पिटल, अजिजी हॉस्पिटल, विश्रामपुर मेडिकेयर हॉस्पिटल, डॉ. सीके मिंज हॉस्पिटल, हैप्पी क्लीनिक, हेल्थकेयर हॉस्पिटल, जय मां जवाहरिया हॉस्पिटल, ललिता हॉस्पिटल, लाइफलाइन हॉस्पिटल, लौंग लाइफ हॉस्पिटल, मां गुलाबी सेवा सदन, मां तारा सेवा क्लिनिक, सूर्या क्लिनिक, एसपीएस अस्पताल, लीलावती हॉस्पिटल, राजपति सेवा आश्रम, संजीवनी हॉस्पिटल तथा शशि स्वास्थ्य संस्थान शामिल हैं। बता दें कि विभिन्न गड़बडिय़ों में कई निजी अस्पतालों पर जुर्माना लगाया है। वहीं, आधा दर्जन अस्पतालों को निलंबित किया गया है। विगत दो माह में इतने ही अस्पतालों को शो-कॉज भी जारी हुआ है।

एक ही दिन दो अस्पतालों में इलाज कराने की सिविल सर्जन करेंगे जांच

आयुष्मान भारत योजना के तहत एक मरीज के एक ही दिन दो अलग-अलग अस्पतालों में इलाज कराने के मामले में रांची सिविल सर्जन से जांच कराई जाएगी। इसकी तैयारी चल रही है। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों ने अपने स्तर से जो पड़ताल की है, उसके अनुसार उक्त मरीज ने सुबह में एक अस्पताल में अपने आंख का ऑपरेशन कराया, जबकि शाम में दूसरे अस्पताल में डायलिसिस कराई। पदाधिकारी तकनीकी रूप से इसे गलत नहीं ठहरा रहे हैं। इसके बावजूद इसकी जांच कराई जाएगी।


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