Jharkhand Crime: सीआरपीएफ के रिटायर्ड जवान से 16 लाख की ठगी, रेलवे मंत्रालय का बोर्ड लगा कर घूमता था ठग
Jharkhand Crime रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में कार्यरत खरसीदाग इलाके के डुंगरी निवासी सीआपीएफ के रिटायर्ड जवान शंकर प्रसाद सिंह से 16 लाख रुपये की ठगी कर ली गई। उनके बच्चों रिश्तेदार व मित्र के बच्चों की नौकरी रेलवे में लगाने का झांसा देकर चूना लगाया गया।
रांची, जासं। रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में कार्यरत खरसीदाग इलाके के डुंगरी निवासी सीआपीएफ के रिटायर्ड जवान शंकर प्रसाद सिंह से 16 लाख रुपये की ठगी कर ली गई। उनके बच्चों, रिश्तेदार व मित्र के बच्चों की नौकरी रेलवे में लगाने का झांसा देकर चूना लगाया गया। इसे लेकर रिटायर्ड जवान ने खरसीदाग ओपी में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। इसमें बताया गया कि रेलवे मंत्रालय का बोर्ड लगी कार से घूमने वाला ठग ने चूना लगाया है। आरोपित का नाम प्रताप कुमार है। बिहार के मुंगेर जिला के धरहरा महरना का रहने वाला है। इस ठगी में आरोपित की पत्नी मौमिता दास, सााला अमित दास, पंकज कुमार सहित अन्य लोगों की भूमिका है। पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।
किराए में मकान लेने आया था ठग :
खरसीदाग ओपी इलाके के डुंगरी गांव में रहने वाले रिटायर्ड जवान शंकर प्रसाद सिंह ने बताया कि उनके घर किराए का मकान लेने के लिए जनवरी 2020 में प्रताप पहुंचा था। उस समय घर खाली रहीं रहने की वजह से घर नहीं दिया था। इसके बावजूद वह मिलता जुलता रहा। खुद को रेलवे का विजिलेंस आफिसर बताया था। उसने कहा था कि रेलवे में नौकरी दिला देगा। डीआरएम कोटा से 12 लोगों की सीट खाली है। सभी की नौकरी एक महीने के भीतर लगाने का झांसा दिया था। इसके एवज में उसने थोड़ा-थोड़ा कर पैसे देने की बात कही। खुद के बच्चे, दोस्त और रिश्तेदारों के बच्चों की नौकरी के नाम पर कुल 16 लाख रुपये लेकर वह चंपत हो गया ।
विश्वास दिलाने के लिए दिया था पैन व आधार कार्ड :
ठग ने विश्वास दिलाने के लिए अपना आधार कार्ड और पैन कार्ड दिया था। इसमें पूरा नाम और पते का उल्लेख था। इधर, हाल में आरोपित ने कहा कि नौकरी नहीं लग सकती, जो करना है कर लो। ज्यादा उछलोगे जो जान से मरवा देंगे। पीड़ित के अनुसार आरोपित रांची जेल में किसी मामले में बंद रह चुका है । पुलिस अब ठग के बारे में पता लगा रही है। पहले वह ब्रिजफोर्ड स्कूल तुपुदाना के पास बाबा लॉज में कमरा लेकर रहता था।