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मानव तस्करों के चंगुल से मुक्त 16 लड़कियों ने सुनाई आपबीती, हर रोज होता था दुष्कर्म

मानव तस्करों के चंगुल से छूटकर अपने घर पहुंचने के बाद लड़कियों ने जो खुलासे किए हैं, वह रोंगटे खड़े करने वाले हैं।

By Sachin MishraEdited By: Published: Tue, 25 Sep 2018 12:47 PM (IST)Updated: Tue, 25 Sep 2018 07:50 PM (IST)
मानव तस्करों के चंगुल से मुक्त 16 लड़कियों ने सुनाई आपबीती, हर रोज होता था दुष्कर्म
मानव तस्करों के चंगुल से मुक्त 16 लड़कियों ने सुनाई आपबीती, हर रोज होता था दुष्कर्म

जागरण संवाददाता, रांची। झारखंड की 16 नाबालिग लड़कियों को मानव तस्करों के चंगुल से छुड़ाकर दिल्ली और हरियाणा से रांची लाया गया है। मंगलवार को दूसरे राज्य से अपने घर पहुंचने के बाद लड़कियों ने राहत की सांस ली। नाबालिगों ने जो खुलासे किए हैं, वह रोंगटे खड़े करने वाले हैं।

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लड़कियों ने बताया कि उन्हें नौकरी, पढ़ाई व घुमाने का लालच देकर दिल्ली ले जाया गया था। जहां मानव तस्कर प्रभा मुनि का पति रोहित मुनि उन्हें लगातार हवस का शिकार बनाता था। हर रोज दुष्कर्म किया जाता था। विरोध करने पर बर्बरता पूर्वक पीटा जाता था। कई लड़कियां आपबीती सुनाते हुए रोने लगीं। मानव तस्करों के चंगुल से मुक्त नाबालिग लड़कियां गुमला, साहेबगंज, सिमडेगा, पाकुड़, गिरिडीह, लोहरदगा, गोड्डा समेत अन्य जगहों की हैं। इन्हें संबंधित जिला के प्रभारियों के हवाले कर दिया गया है। इनमें से तीन को फिलहाल प्रेमाश्रय में रखा गया है।

चाकू से भी होता था वार
दो दिन पूर्व दिल्ली एटीएस ने जिस किंगपिन प्रभा मुनि को गिरफ्तार किया है। वही, काम का लालच देकर इन लड़कियों को दिल्ली ले गई थी। आरोपित प्रभा मुनि के चंगुल से मुक्त गोड्डा जिला की एक नाबालिग ने बताया कि किस तरह काम के नाम पर प्रभा मुनि और उसका पूरा परिवार उसे प्रताड़ित करता था। विरोध करने पर निर्वस्त्र कर पीटा जाता था। चाकू से भी शरीर पर वार किया जाता था।

इसने निभाई अहम भूमिका
चंडीगढ़ बाल संरक्षण आयोग के बीके गोयल और शक्ति वाहिनी ने लड़कियों की बरामदगी से लेकर इलाज करने में अहम भूमिका निभाई। कई महीनों तक चंडीगढ़ और बाद में दिल्ली के अस्पताल में इलाज कराया। दिल्ली में जब लड़कियों का इलाज चल रहा था तब उसने मिलने वाली झारखंड बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष आरती कुजूर ने बताया कि उनकी हालत बहुत खराब थी। डॉक्टर्स ने स्पष्ट कहा था कि लड़कियों की स्थिति गंभीर है और अभी इसे यहां से ले नहीं जाया जा सकता। सेहत दुरुस्त होने के बाद अब वे अपने घर लौट पाई हैं।

शक्ति वाहिनी ने सीडब्लूसी को सौंपा नाबालिग
शक्ति वाहिनी सभी लड़कियों को तस्करों से मुक्त कराने के बाद दिल्ली बाल कल्याण समितियों की अनुशंसा पर रांची लेकर आई। रांची रेलवे स्टेशन पर इन्हें रिसीव करने बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष आरती कुजूर, शक्ति वाहिनी से ऋषिकांत, अनिल कुमार, रांची रेलवे चाइल्ड लाइन समेत अन्य लोग उपस्थित थे।

मानव तस्करों की चंगुल से मुक्त कराई गई बच्चियों के साथ न्याय होगा। इस मामले में पोक्सो एक्ट समेत अन्य के तहत भी प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी।
-आरती कुजूर, अध्यक्ष, झारखंड राज्य बाल संरक्षण आयोग।

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