नैक के बाद मिलेगा देवघर में संस्कृत विश्वविद्यालय को मंजूरी
रांची : राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना संस्कृत विश्वविद्यालय की स्वीकृति केंद्र से नहीं मिली। सो
रांची : राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना संस्कृत विश्वविद्यालय की स्वीकृति केंद्र से नहीं मिली। सोमवार को दिल्ली के हैबिटेट सेंटर में राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) के प्रोग्राम एप्रूवल बोर्ड की हुई बैठक में राज्य सरकार के इस प्रस्ताव पर चर्चा हुई। इसमें कहा गया कि देवघर स्थित बालानंद संस्कृत कॉलेज को नेशनल एक्रिडिएशन टेस्ट यानी नैक से मान्यता मिलने के बाद ही इसे संस्कृत विश्वविद्यालय में अपग्रेड किया जा सकेगा। राज्य सरकार ने इस कॉलेज को विश्वविद्यालय में अपग्रेड करने के लिए 55 करोड़ रुपये की मांग केंद्र से की थी। इस कॉलेज को नैक से मान्यता मिलने पर केंद्र इसकी स्वीकृति दे सकेगा।
पैब की बैठक में पूर्वी सिंहभूम स्थित जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज यूनिवर्सिटी में अपग्रेड करने पर स्वीकृति मिली। इसके लिए 55 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। रूसा के तहत यह राशि केंद्र से मिलेगी। राज्य सरकार ने दो कॉलेजों के अपग्रेडेशन का प्रस्ताव केंद्र को दिया था, जिसमें जमशेदपुर का ही को-ऑपरेटिव कॉलेज भी शामिल था। इसपर स्वीकृति नहीं मिली। जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज यूनिवर्सिटी के रूप में अपग्रेड होनेवाला राज्य का दूसरा कॉलेज होगा। केंद्र ने पिछले साल रांची कॉलेज के यूनिवर्सिटी के रूप में अपग्रेड करने के लिए स्वीकृति देते हुए राशि प्रदान की है। राज्य सरकार ने इसे श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय नाम देने का निर्णय लिया है। बैठक में राज्य सरकार की ओर से उच्च, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के सचिव अजय कुमार सिंह, तकनीकी शिक्षा निदेशक एके सिंह तथा उपनिदेशक शंभूदयाल सिंह शामिल हुए।
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पैब की बैठक में नक्सल प्रभावित सभी जिलों के कॉलेजों को आधारभूत संरचना के विकास के लिए दो-दो करोड़ रुपये देने पर भी स्वीकृति मिली। शहरी क्षेत्रों के कॉलेजों को इसका लाभ नहीं मिलेगा। साथ ही इस ग्रांट के लिए नैक एक्रीडिएशन भी जरूरी होगा।
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बोकारो में प्रोफेशनल कॉलेज की स्वीकृति :
इधर, पैब की बैठक में बोकारो में एक प्रोफेशनल कॉलेज खोलने के प्रस्ताव पर भी स्वीकृति मिल गई। राज्य सरकार ने चार कॉलेजों का प्रस्ताव दिया था, जिसपर एक की स्वीकृति मिली।
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