Birsa Biological Park: यहां 120 प्रकार की मछलियों का करें दीदार
Birsa Biological Park ओरमांझी स्थित भगवान बिरसा जैविक उद्यान में थाइलैंड सिंगापुर मलेशिया जैसे देशों से मछलियां लायी गयीं है। यहां 1600 से अधिक मछलियां मौजूद है।
रांची, जेएनएन। झारखंड की राजधानी रांची से 18 किमी दूर ओरमांझी स्थित भगवान बिरसा जैविक उद्यान देश का सबसे बड़ा मछली घर कहलाने का श्रेय प्राप्त है। राज्य में पर्यावरण के प्रति संरक्षण तथा पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जून 2017 में इसका निर्माण किया गया है। यहां देश-विदेश से लाईं गईं कुल 120 प्रजातियों की 1600 से अधिक मछलियां मौजूद हैं। इन मछलियों को थाइलैंड, सिंगापुर, मलेशिया के अलावा मुंबई तथा कोलकाता से मंगवाया गया है।
इस एक्वेरियम में 58 टैंक मौजूद हैं, जिनमें कुल 92 हजार लीटर पानी होता है। इन मछलियों का बाजार मूल्य 500 रुपये से लाखों रुपये तक के बीच है। यहां जाने के लिए एक व्यस्क के टिकट का मूल्य 30 रुपये तो नाबालिग का शुल्क 20 रुपये है। वहीं पच्चीस या उससे अधिक के समूह में जाने पर यह शुल्क क्रमश: 20 तथा 10 रुपये हो जाता है। यह मछली घर अपनी सुंदरता से लोगों को खूब आकर्षित कर रहा है।
यहां वाटर डॉग कही जाने वाली ऑस्कर फिश, चर्चित शिकारी मछली रेड बेलिड पिरान्हा, तोते के चोंच के आकार की नाक वाली पैरोट मछली, अपनी खूबसूरती के लिए चर्चित एंजेल फिश, खतरे के दौरान उल्टी दिशा में तैरने में निपुण ब्लैक घोस्ट, सांप जैसे दिखने वाली सेनेगल बिछिर, रंग बदलने वाली पाराडाइज मछली, अकेली रहने वाली योद्धा मछली के अलावा कोई फिश, बेसिक गोल्ड फिश, एग्जॉटिक गोल्ड फिश, सिल्वर एरोवाना, डिस्कश फिश, सिल्वर डॉलर, एलिगेटर गार, स्टिंग रे, एडिबल फिश, सेवेरम, ऑस्कर, मॉर्फ फिश, फॉर्नटोसा, चिचिल्ड, नाइफ फिश, पैरट, एग्जॉटिक चिचिल्ड, गौरामी, किसिंग गौरामी, स्कैट फिश, मोनोएंजल फिश, चान्ना फिश, ईल फिश, लॉब्सटर फिश, कैटफिश फिश, ब्लॉक घोस्ट फिश, लौचेज फिश, सकर फिश, शार्क, रामी रेजी फिश, पफर फिश, बाला शार्क, रोजी बार्ब फिश, टाइगर बार्ब फिश, एल्बिनो टाइगर बार्ब फिश, पर्ल एरोवाना फिश, सिल्वर एरोवाना फिश, फाइटर फिश, मॉली फिश, प्लैटी फिश, शॉर्डटेल, रेनबो फिश, एल्बिनो फ्लावर हॉर्न फिश, आर्चर फिश, फ्लावर हॉर्न फिश जैसी मछलियां मौजूद हैं।
उमड़ती है भीड़
यहां की रंग-बिरंगी मछलियों के दीदार के लिए यूं तो हर दिन हजारों लोगों का हुजूम उमड़ता है। लेकिन नववर्ष के दौरान यहां लोगों की अधिक भीड़ देखने को मिलती है। इस दौरान हजारों की संख्या में बच्चे-बूढ़े परिवार के साथ यहां के अनोखी मछलियों की झलक देखने आते हैं।
सेल्फी प्वाइंट
यहां लोगों को मछलियों की तस्वीरें लेने की मनाही है। लेकिन सेल्फी के प्रति लोगों के क्रेज को देखते हुए मछलीघर के बाहर एक सेल्फी प्वांइट का भी निर्माण किया गया है। इसके पास ही झर-झर बहता रंग बिरंगा फव्वारा यहां की सुंदरता में चार चांद लगा देता है। लोग यहां भी अपनी तस्वीरें लेना खूब पसंद करते हैं। बच्चों में मछलियों के प्रति रोचक जानकारियां देने तथा उन्हें पर्यावरण का इकोसिस्टम समझाने के लिए यह सर्वोत्तम जगहों में से एक है।