Jharkhand: 11 आदिवासी जिलों को दिए गए 106 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर
Jharkhand News Oxygen Concentrator यह कंसंट्रेटर आइसीआइसीआइ फाउंडेशन द्वारा उपलब्ध कराए गए हैं। भविष्य में संभावित तीसरी लहर को देखते हुए आदिवासी बहुल जिलों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए इन ऑक्सीजन कंसंट्रेटर को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में लगाया जाएगा।
रांची, राज्य ब्यूरो। महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग की मंत्री जोबा मांझी ने राज्य की 11 आदिवासी बहुल जिलों में वितरण के लिए 106 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर से भरे वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। ये कंसंट्रेटर आइसीआइसीआइ फाउंडेशन द्वारा उपलब्ध कराए गए हैं। इस अवसर पर मंत्री ने कहा कि हमारे राज्य ने कोरोना की दूसरी लहर को मात दी है। भविष्य में संभावित कोविड की तीसरी लहर को देखते हुए आदिवासी बहुल जिलों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु इन ऑक्सीजन कंसंट्रेटर को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में लगाया जाएगा।
इनमें दुमका, गुमला, जामताड़ा, पाकुड़, लोहरदगा, पश्चिमी सिंहभूम, पूर्वी सिंहभूम, खूंटी, लातेहार, गोड्डा और हज़ारीबाग शामिल हैं। उन्होंने इसके लिए आइसीआइसीआइ फाउंडेशन को धन्यवाद दिया। इस अवसर पर निदेशक समाज कल्याण ए दोड्डे, संयुक्त सचिव अनिरुद्ध कुमार सिन्हा, फाउंडेशन के रीजनल हेड राजेश कुमार मिश्रा आदि उपस्थित थे।
ई-लर्निंग के सफल छात्र-छात्राओं को किया गया सम्मानित
झारखड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी (जेएसएलपीएस) द्वारा संचालित ई-लर्निंग सर्टिफिकेट कोर्स के सफल छात्र-छात्राओं को जेएसएलपीएस की सीईओ नैंसी सहाय ने बुधवार को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। स्वयं सहायता समूह एवं संघ प्रबंधन पर आधारित छह माह के इस कोर्स के लिए सफल छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया गया है। इस मौके पर सीईओ नैंसी सहाय ने कहा कि इस तरह के शॉर्ट टर्म कोर्स को प्रोत्साहित करने की जरूरत है, ताकि विकास के क्षेत्र में अधिक से अधिक अनुभवी एवं जानकार लोगों की सेवाएं समाज को मुहैया हो सकें।
सम्मानित होने वाले छात्र-छात्राओं में उत्तम कुमार को पहले, मोहम्मद अंसारी दूसरे और गीता देवी ने तीसरा स्थान हासिल किया। बता दें कि पुणे के चैतन्य और मुंबई के टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंस के संयुक्त प्रयास से सामुदायिक संगठनों पर आधारित एक डिजिटल पाठ्यक्रम तैयार किया गया है। जेएसएलपीएस में वर्ष 2018 में शुरू हुए ई-लर्निंग सर्टिफिकेट कोर्स से 150 से अधिक युवक एवं युवतियां लाभान्वित हुए हैं। इस सर्टिफिकेट कोर्स के लिए हर साल 50 छात्रों का नामांकन किया जाता है।