RANCHI NEWS : पानी की पाइपलाइन टूटी तो सड़क पर 10 किमी तक लग गई गाड़ियों की लंबी कतार, जानें कहां का है मामला
रांची के बरियातू का मामला है। बरियातू रोड पर जोड़ा तालाब के पास पानी की पाइपलाइन टूट गई तो सड़क पर 10 किमी तक गाड़ियों की लंबी कतार लग गई। दरअसल गेल रांची में गैस पाइपलाइन बिछा रहा है। गेल की जेसीबी से पाइप लाइन क्षतिग्रस्त हो गई थी।
रांची (जासं): रांची के बरियातू का मामला है। बरियातू रोड पर जोड़ा तालाब के पास पानी की पाइपलाइन टूट गई तो सड़क पर 10 किमी तक गाड़ियों की लंबी कतार लग गई। दरअसल, गेल रांची में गैस पाइपलाइन बिछा रहा है। गेल की जेसीबी से जलापूर्ति की पाइप लाइन क्षतिग्रस्त हो गई थी। इसके चलते मंगलवार की रात जिला स्कूल जोन, रिम्स और बरियातू जोन में लगभग 25 हजार घर जलापूर्ति से महरूम थे। इन इलाकों में रात 10:00 बजे से सुबह 4:00 बजे तक जलापूर्ति होती है। लेकिन, पाइप लाइन क्षतिग्रस्त होने की वजह से जलापूर्ति नहीं हो सकी थी।
बुधवार की सुबह फटी हुई जलापूर्ति की पाइप लाइन को ठीक किया गया। पाइप लाइन को ठीक करने का काम सुबह 10:00 बजे पूरा हुआ। इसके बाद गड्ढे को भर दिया गया है। इस दौरान सुबह 8:00 बजे से ही बरियातू रोड जाम रही। रोड पर दोनों तरफ तकरीबन 10 किलोमीटर तक वाहनों की कतार लगी रही। सड़क जाम के चलते कई लोग दफ्तर देर से पहुंचे। बरियातू थाना पुलिस ने मौके पर मोर्चा संभाला और ट्रैफिक पुलिस की कमी को पूरा करते हुए यातायात को नियंत्रित किया। साथ ही मजदूरों को निर्देश देकर तेजी से काम पूरा कराने के बाद 10:00 बजे से गड्ढा भरने का काम शुरू कर दिया और आधे घंटे में गड्ढा भर दिया गया। इसके बाद बरियातू रोड पर यातायात सुचारू हो गया है। पाइप लाइन ठीक होने के बाद अब बरियातू, रिम्स और जिला स्कूल जोन में जलापूर्ति शुरू कर दी जाएगी। पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता ने बताया कि बुधवार को दिन में इन इलाकों में 4 घंटे जलापूर्ति की जाएगी। इसके बाद से रोज इन इलाकों में नियमित जलापूर्ति होगी।
गौरतलब है कि बूटी मोड़ जलागार से इन इलाकों को पानी की आपूर्ति की जाती है। कार्यपालक अभियंता ने गेल के पदाधिकारियों को पत्र लिखकर उन्हें जलापूर्ति की पाइप लाइन का ध्यान रखने को कहा है। कहा जा रहा है कि गेल ने पेयजल एवं स्वच्छता विभाग से सामंजस्य बैठाए बगैर ही गैस की पाइप लाइन की खुदाई का काम शुरू कर दिया है। इसी वजह से दिक्कत आ रही है। गेल के इंजीनियरों को यह नहीं पता कि कहां पाइपलाइन है और कितने नीचे से पाइप गया है।