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एक करोड़ की रोड स्वीपिंग मशीन मरम्मत के अभाव में हो गई जर्जर, अब नई मशीन खरीदने की तैयारी

रांची एक करोड़ की रोड स्वीपिंग मशीन मरम्मत के अभाव में जर्जर हो रही है। वहीं रांची नगर निगम फिर से दो नई रोड स्वीपिंग मशीन खरीदने की तैयारी में है। नगर निगम ने 50 लाख की लागत से पहली रोड स्वीपिंग मशीन 2007 में खरीदी थी। जबकि दूसरी मशीन एटूजेड वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी ने 2011 में खरीदी थी।

By JagranEdited By: Published: Sun, 07 Jul 2019 05:11 AM (IST)Updated: Sun, 07 Jul 2019 06:38 AM (IST)
एक करोड़ की रोड स्वीपिंग मशीन मरम्मत के अभाव में हो गई जर्जर, अब नई मशीन खरीदने की तैयारी
एक करोड़ की रोड स्वीपिंग मशीन मरम्मत के अभाव में हो गई जर्जर, अब नई मशीन खरीदने की तैयारी

जागरण संवाददाता, रांची : एक करोड़ की रोड स्वीपिंग मशीन मरम्मत के अभाव में जर्जर हो रही है। वहीं रांची नगर निगम फिर से दो नई रोड स्वीपिंग मशीन खरीदने की तैयारी में है। नगर निगम ने 50 लाख की लागत से पहली रोड स्वीपिंग मशीन 2007 में खरीदी थी। जबकि दूसरी मशीन एटूजेड वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी ने 2011 में खरीदी थी। फिलहाल दोनों मशीनें नगर निगम के बकरी बाजार स्थित स्टोर परिसर में जंग खा रही है। स्टोर कर्मियों ने बताया कि 2007 में खरीदी गई मशीन एक माह भी नहीं चली। पहले वाहन के रजिस्ट्रेशन में पेच फंसा। उसके बाद कई वर्षो तक मशीन का इस्तेमाल नहीं किया गया। एटूजेड वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी को सफाई कार्य से हटाए जाने के बाद छोटी रोड स्वीपिंग मशीन भी बेकार हो गई। नगर निगम के अधिकारियों ने मशीन की मरम्मत कराने में रुचि नहीं ली। रोड स्वीपिंग मशीन के क्या हैं फायदे :

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2011 में एटूजेड वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी ने 68 लाख रुपये खर्च कर रोड स्वीपिंग मशीन की खरीदारी की थी। मशीन के दोनों ओर लगे ब्रूम (झाड़ू) मिंट्टी व बालू हटाने के लिए लगे हुए हैं। जबकि मशीन के अंदर लगा रोलर कचरे को अंदर की तरफ खींच लेता है। स्वीपिंग मशीन से निकलने वाला पानी का फव्वारा धूल और मिंट्टी को उड़ने से रोकता है। इस मशीन के जरिए डिवाइडर के आसपास की गंदगी भी आसानी से साफ हो जाती है। चार से पांच टन कचरे का संग्रह मशीन से किया जा सकता है। दोहरे इंजन वाली इस स्वीपिंग मशीन में लगा एक इंजन वाहन का परिचालन करता है और दूसरा स्वीपिंग की आधुनिक तकनीक पर आधारित है। इस मशीन से मोरहाबादी मैदान की सड़कों की सफाई होती थी। मशीन की मरम्मत के लिए एस्सेल इंफ्रा को देने की थी तैयारी :

पूर्व नगर आयुक्त के कार्यकाल में रोड स्वीपिंग मशीन की जांच के लिए जमशेदपुर से इंजीनियर बुलाए गए थे। कंपनी के इंजीनियरों ने मशीन को जमशेदपुर स्थित वर्कशॉप में भेजने का सुझाव दिया था। पूर्व नगर आयुक्त की पहल पर एस्सेल इंफ्रा ने मशीन की मरम्मत पर होने वाली खर्च को वहन करने की जिम्मेदारी भी ली थी। लेकिन पूर्व नगर आयुक्त के स्थानांतरण के बाद रोड स्वीपिंग मशीन की मरम्मत का मामला भी खत्म हो गया। नगर आयुक्त ने रोड स्वीपिंग मशीन की खरीदारी का दिया था प्रस्ताव

एक जुलाई की बैठक में नगर आयुक्त मनोज कुमार ने नगर विकास विभाग के सचिव अजय कुमार सिंह के समक्ष यह प्रस्ताव रखा था कि मेन रोड व हरमू बाइपास रोड की सफाई के लिए मेकेनाइज्ड स्वीपिंग मशीन की व्यवस्था हो। नगर आयुक्त के इस प्रस्ताव पर नगर विकास सचिव ने भी रोड स्वीपिंग मशीन की खरीदारी पर अपनी सहमति प्रदान की थी। नगर विकास विभाग से दो रोड स्वीपिंग मशीन की खरीदारी के लिए पैसे की मांग की गई है। मशीन की खरीदारी के लिए विभागीय स्वीकृति मिल चुकी है। नगर निगम के पास उपलब्ध दो पुराने रोड स्वीपिंग मशीन खराब हो चुके हैं। नई मशीन आने के बाद सुरक्षा व क्वालिटी के साथ सड़क की सफाई होगी। साथ ही साथ समय की भी बचत होगी।

- गिरिजा शंकर प्रसाद, अपर नगर आयुक्त, रांची नगर निगम।


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