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जमीन है नहीं, बनेगा माडल स्कूल

दिलीप कुमार सिंह रामगढ़ राज्य में 80 स्कूलों को स्कूल आफ एक्सीलेंस के लिए चयन किया गया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Jan 2022 08:31 PM (IST)Updated: Sun, 23 Jan 2022 08:31 PM (IST)
जमीन है नहीं, बनेगा माडल स्कूल
जमीन है नहीं, बनेगा माडल स्कूल

दिलीप कुमार सिंह, रामगढ़ : राज्य में 80 स्कूलों को स्कूल आफ एक्सीलेंस के लिए चयन किया गया। इसमें जिले के तीन स्कूलों का भी चयन किया गया है। जिसमें गांधी स्मारक उच्च विद्यालय, कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय रामगढ़ व राज्य संपोषित बालिका उच्च विद्यालय शामिल है। चयनित होने के बाद स्कूलों को आदर्श माडल स्कूल बनाने की कवायद तेज हो गई। भवन बनाने का कार्य भी आपाधापी में शुरू कर दी गई। लेकिन इसमें मानक को ही ताक पर रख दिया गया है। जिस स्कूल के पास जमीन ही नहीं है, उसे चयनित कर लिया गया। साथ ही उसी बचे हुए थोड़ी भूमि पर भवन बनाने के लिए ले आउट से लेकर अन्य कार्य युद्धस्तर पर शुरू कर दिया गया है। बात कर रहे है राज्य संपोषित बालिका उच्च विद्यालय का। इस स्कूल के पास एक एकड़ मात्र भूमि है। उसी भूमि पर चारों ओर पूर्व से भवन बने हुए है। बची भूमि में एसेंबली होती है। यहां पर छात्राओं को खेलने के लिए पर्याप्त भूमि तक नही है। ऐसे में स्कूल परिसर में ले आउट कर काम शुरू कर दिया गया है। अन्य मेटेरियल भी इकट्ठा कर दिया गया है। जानकार बताते है कि आदर्श मॉडल स्कूल के लिए कम से कम तीन एकड़ भूमि होनी चाहिए। इसमें खेल मैदान, बास्केटबॉल ग्राउंड, साइकिल स्टैंड सहित कई कार्य होंगे। ऐसे में यह स्कूल मानक को पूरा ही नही करता है। भवन बनने के बाद स्कूल पूरी तरह से कसा जाएगा। यहां तक की एसेंबली तक के लिए मुकम्मल जगह नही होगी। साथ भवन बनाने के साथ ही मुख्य गेट को भी बदला जा रहा है। पूरे प्रकरण में स्कूल की शिक्षिकाएं परेशानी महसूस कर रही है। बताया जाता है कि यह टेंडर राज्य से ही हुआ है। करीब तीन करोड़ की लागत से यहां पर भवन बनाए जाने की बात कही जा रही है। इसमें लैब सहित संसाधन मौजूद होंगे। इस स्कूल से जिले के अन्य स्कूल प्रेरित होंगे। बच्चों को विषयवार शिक्षक मिलेंगे, बच्चों की तादात बढ़ेंगे, शिक्षक बढ़ेंगे। वैसे विभागीय लोगों का कहना है कि अभी ले आउट हुआ है। इसमें कई बदलाव और होंगे।

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निजी विद्यालय को देंगे टक्कर

आदर्श मॉडल स्कूल बनने के बाद यह स्कूल निजी विद्यालयों को टक्कर देगा। क्योंकि जो सुविधाएं निजी विद्यालय के पास है वह सब इन स्कूलों में मिलेगा। बेहतर पढ़ाई के साथ बेहतर माहौल बनाया जाएगा। हर एक्टिविटी को बढ़ावा दिया जाएगा। साइंस भवन भी होगा। अपना लैब, कंप्यूटर कक्ष, खेल मैदान, खेल सामग्री, आकर्षक स्टेज आदि से लैस होगा।

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स्टेट से ही इन स्कूलों का चयन किया गया है। स्टेट के गाइडलाइन पर ही काम हो रहा है। इसके लिए कई मानक तय किए जाते है। जिले में तीन स्कूलों का चयन किया गया है। इसमें एक बालिका स्कूल को रखा जाना है। इसलिए राज्य संपोषित बालिका विद्यालय को चुना गया है।

-सुशील कुमार।

जिला शिक्षा पदाधिकारी, रामगढ़ ।


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