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गार्ड की नौकरी से पेट भर रही खो-खो खिलाड़ी

मनोज तिवारी गिद्दी (रामगढ़) राज्य स्तर पर खोखो-एथलेटिक्स में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने वाली

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Jan 2022 08:56 PM (IST)Updated: Mon, 17 Jan 2022 08:56 PM (IST)
गार्ड की नौकरी से पेट भर रही खो-खो खिलाड़ी
गार्ड की नौकरी से पेट भर रही खो-खो खिलाड़ी

मनोज तिवारी, गिद्दी (रामगढ़) : राज्य स्तर पर खोखो-एथलेटिक्स में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने वाली गिद्दी चीफ हाउस निवासी 20 वर्षीय ललिता कुमारी रांची के एक अस्पताल में महिला गार्ड की नौकरी करने को मजबूर हैं। खोखो-एथलेटिक्स में आगे खेलने में आर्थिक तंगी व आवासीय नहीं बन पाने पर रांची के एक बड़े अस्पताल में गार्ड की नौकरी कर रही हे। ललिता जब भी छूट्टी पर अपने गिद्दी घर आती है मेडल और सर्टिफिकेट को देखकर उसका मन कचोटने लगता है। लेकिन आज भी ललिता को आशा है कि कोई उसके मदद में आगे आएगा और उनके प्रतिभा को ओर निखारने में सहयोग करेगा, ताकि अपने प्रतिभा के बल पर खोखो-एथलेटिक्स में नेशनल खेलकर राज्य और अपने क्षेत्र का नाम रोशन करेगी। ललिता कुमारी ने बताया कि उसका बचपन से ही स्पोर्टस के प्रति काफी झुकाव रहा है। वह पढ़ाई करने के साथ-साथ स्पोर्टस को अपना करियर बनाने की ठान रखी थी। ललिता जुबिली कालेज भुरकुंडा से भुगोल में बीए ऑनर्स की है। जबकि सीएन कालेज रांची रोड से एनसीसी की। एनसीसी में एनसीसी सी (अल्फा) सर्टिफिकेट प्राप्त किया है। इसी दौरान कॉलेज से खोखो-एथलेटिक्स के 100 एवं 200 मीटर के दौड़ में हमेशा भाग लेते रही। खोखो-एथजेटिक्स में हमेशा गोल्ड या दूसरा स्थान हासिल किया है। कालेज की ओर से खोखो में जोनल भी खेला है। खोखो में उसकी टासइमिग 6 मिनट की थीं। इसके अलावे रामगढ़ व हजारीबाग जिला में होने वाले मैराथन दौड़ में हिस्सा लेती रही है। उसमें भी प्रथम या द्वितीय स्थान हासिल किया है। इसी बीच खोखो में सौंदा एवं एथलेटिक्स के 100 मीटर व 200 मीटर की दौड़ में लातेहार में 2017 में आयोजित ओपेन एथलेटिक्स में भाग लेकर दूसरा स्थान हासिल किया था। बाद में खोखो में नेशनल गेम में राज्य का आवासीय प्रमाण पत्र नहीं होने के कारण शामिल नहीं हो पाई थीं। ललिता ने बताया कि आवासीय प्रमाण पत्र बनाने का काफी प्रयास किया। परंतु जरूरी कागजात नहीं होने के कारण आवासीय नहीं बन पाया। इस दौरान घर की आर्थिक स्थिति बिगड़ जाने के कारण पिता का हाथ बंटाना पड़ा। इसी कारण रांची के एक बड़े अस्पताल में महिला गार्ड की नौकरी करना पड़ रहा है। परंतु लोगों को मेदान में देखकर फिर से खेल के क्षेत्र में जाने का मन करता है। बंशीधर पासवान गिद्दी व भुरकुंडा क्षेत्र के हाट बजारों में सब्जी बेचने का कार्य करते है। उन्होंने सरकार व क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों से बेटी के स्पोर्टस के क्षेत्र में आगे बढ़ाने में सहयोग करने की मांग की है।

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