मुआवजे की मांग, कोयला उत्पादन ठप
संवाद सूत्र घाटो(रामगढ़) जदयू के बैनर तले सोमवार को रैयत विस्थापितों ने सीसीएल के केदला उ
संवाद सूत्र, घाटो(रामगढ़): जदयू के बैनर तले सोमवार को रैयत विस्थापितों ने सीसीएल के केदला उत्खनन परियोजना, केदला भूगर्भ परियोजना व झारखंड उत्खनन परियोजना के तमाम कार्य दिनभर ठप कर रखा। जमीन के बदले नौकरी व मुआवजा सहित अन्य मांगों को लेकर किये गये आंदोलन में परियोजनाओं में कोयला उत्पादन भी ठप रहा। परियोजना के खदान सहित कांटा घर, पीट आफिस, वर्क शाप, पीओ कार्यालय व चेकपोस्ट पर सन्नाटा पसरा रहा। लोकल सेल के माध्यम से कोयला लेने आये सैकड़ों ट्रक झारखंड परियोजना के कांटा घर के पास खड़ा रहा। हाइवा से हो रहे कोयला परिवहन कार्य भी बाधित रहा। परियोजनाओं के तमाम कामगार व अधिकारी हाजरी बनाकर बैठे रहे। इस दौरान जदयू के झंडा परियोजनाओं के आसपास फहराते नजर आये। वही आंदोलन का नेतृत्व कर रहे जदयू के प्रदेश अध्यक्ष खीरू महतो व जदयू जिलाध्यक्ष राजू महतो ने कहा कि हमलोगों ने 25 दिसम्बर को केदला उत्खनन परियोजना व 30 दिसम्बर को झारखंड उत्खनन परियोजना में धरना प्रदर्शन के माध्यम से प्रबंधन को रैयत ग्रामीणों से संबंधित मांगपत्र दिया था। जिसमें 15 दिनों के अंदर सकारात्मक पहल करने की बात प्रबंधन से हमलोगों ने कहा था। लेकिन प्रबंधन की ओर से किसी प्रकार की पहल नही किया गया। रविवार की शाम भी मशाल जुलूस निकालकर प्रबंधन को आगाह किया, लेकिन प्रबंधन मांगों पर विचार नही किया। बाध्य होकर सोमवार को तीनों परियोजनाओं का कार्य ठप करना पड़ा। आंदोलन में मुख्य रूप से परमेश्वर महतो, बालेश्वर तुरी, बासुदेव महतो, भुदेव महतो, प्रमोद करमाली, सुरेन्द्र तुरी, लालधारी महतो, फलेन्द्र महतो, विनोद महतो, विजय सिंह, सुरेश प्रसाद, रमेश राम, सुखदेव महतो, विनोद रजवार, नरेश महतो, जगलाल सिंह, नेपाल रजवार, रामचन्द्र राम, चन्द्रनाथ महतो, जितेन्द्र तुरी, कैलाश महतो, गणेश महतो, विजय तांती, संजय मुर्मू सहित सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल थे। वही इस बंदी में सीसीएल को भारी नुकसान उठाना पड़ा। वही आंदोलन में केदला बस्ती, जोनरागोड़ा, नवाडीह, लईयो, गोसी, इचाकडीह, रहावन आदि गांव के सैकड़ों रैयतों ने हिस्सा लिया।