कालेज में तालाबंदी करने पहुंचे आजसू छात्र संघ के कार्यकर्ताओं को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा
संवाद सहयोगी रामगढ़ रामगढ़ महाविद्यालय सोमवार को रणक्षेत्र में तब्दील हो गया।
संवाद सहयोगी, रामगढ़ : रामगढ़ महाविद्यालय सोमवार को रणक्षेत्र में तब्दील हो गया। मामला इंटरमीडिएट के विज्ञान संकाय में नामांकन को लेकर था। आजसू छात्र संघ इसको लेकर पहले से आंदोलनरत था। सोमवार को उसने तालाबंदी की घोषणा कर रखी थी। आंदोलन के तहत सैकड़ों कार्यकर्ता पार्टी का झंडा, पट्टा लगाकर मोटरसाइकिल से धरना-प्रदर्शन व कालेज में तालाबंदी करने पहुंचने लगे। यहां पर आकर सभी कार्यकर्ता प्रशासनिक भवन के बाहर घंटों जमकर नारेबाजी करते रहे। मौके पर रामगढ़ थाना पुलिस, पैंथर पुलिस टीम वहां पहुंचकर कर मामले की गंभारता को समझा और वरीय अधिकारियों को सूचित किया। तालाबंदी करने पहुंचे विभावि प्रभारी राजेश कुमार महतो के नेतृत्व में सैकड़ों कार्यकर्ताओं को समझाने का प्रयास प्रशासन ने किया। इधर, सूचना के बाद से आजसू के वरिष्ठ नेता सह कालेज कर्मचारी दामोदर महतो सहित भू-दाता व ग्रामीण बड़ी संख्या में कालेज पहुंच गए। सुबह दस बजे तालाबंदी का समय निर्धारित था, कितु माहौल बगड़ने के बाद करीब ढाई बजे दोपहर को आजसू छात्र संघ के कार्यकर्ता राजेश महतो के नेृतृत्व में तालाबंदी करने चले। इसके बाद वहां पर अपने आप को रैयत कहने वालों ने रोकने का प्रयास किया और धक्कामुक्की शुरू हो गई। इसके बाद तो लाठी, डंडा, रोला व झंडे में लगे बांस से पिटाई करने के लिए दौड़ते लोग और भागते आजसू छात्र संघ के कार्यकर्ता। कालेज देखते ही देखते रणक्षेत्र में तब्दील हो गया, जिसे जो मिला उसी से बेरहमी के साथ पिटाई कर दौड़ा कर भगा दिया। इस दौरान कई कार्यकर्ता घायल हो गए। अचानक हुए हंगामें के बाद पूरा माहौल ही बदल गया। शिक्षक-शिक्षिकाएं अपने को एक किनारे कर लिए। छात्र-छात्राओं के बीच भगदड़ मच गया। हर कोई इधर-उधर भागता रहा। रैयतों का कहना था कि कालेज को हमारे पूर्वजों ने जमीन देकर बसाया है। इस पर उच्च डिग्री की पढ़ाई होनी चाहिए। तो यहां पर पार्टी के नाम पर सभी नेतागिरी चमकाने की कोशिश कर रहे है। जबकि एक भी कार्यकर्ता जो जुलूस में आए हैं वे कालेज में अध्ययनरत नहीं है। इधर, संघ के कार्यकर्ताओं ने वहां से निकलना ही मुनासिब समझकर चलते बने। बाद में घटना के बाद अंचलाधिकारी व रामगढ़ थाना प्रभारी कालेज पहुंचकर घटना की जानकारी ली। इधर, आजसू के वरिष्ठ नेता दामोदर का कहना था कि प्राचार्य ने नामांकन के लिए आश्वासन दे दिया था, फिर भी छात्र संघ तालाबंदी करने पहुंचा।