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गांव के विकास के लिए ग्रामीणों की सहभागिता जरूरी : मनरेगा आयुक्त

संवाद सहयोगी रामगढ़ सब की योजना सबका विकास अभियान के तहत शनिवार को जिले के सभी पंचायतों में हो।

By JagranEdited By: Published: Sat, 02 Oct 2021 08:08 PM (IST)Updated: Sat, 02 Oct 2021 08:08 PM (IST)
गांव के विकास के लिए ग्रामीणों की सहभागिता जरूरी : मनरेगा आयुक्त
गांव के विकास के लिए ग्रामीणों की सहभागिता जरूरी : मनरेगा आयुक्त

संवाद सहयोगी, रामगढ़ : सब की योजना सबका विकास अभियान के तहत शनिवार को जिले के सभी पंचायतों में ग्राम सभा का आयोजन किया गया। रामगढ़ प्रखंड अंतर्गत दोहाकातू पंचायत में आयोजित ग्राम सभा में रामगढ़ विधायक ममता देवी एवं मनरेगा आयुक्त राजेश्वरी बी शामिल हुईं।

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विधायक ममता देवी ने राज्य सरकार को मनरेगा के दैनिक मजदूरी दर को बढ़ाकर 225 रुपये करने के लिए धन्यवाद दिया। विधायक ने लोगों से मनरेगा से जुड़कर रोजगार प्राप्त करने की अपील की। मनरेगा आयुक्त राजेश्वरी बी ने गांव के विकास में ग्रामीणों की सहभागिता पर जोर देते हुए कहा कि जब तक ग्रामीण स्वयं जागरूक नहीं होंगे तब तक योजनाओं को धरातल पर लाना बेहद कठिन है। सबकी योजना सबका विकास अभियान का उद्देश्य भी गांव के विकास के लिए ली जाने वाली योजनाओं में ग्रामीणों की सहभागिता सुनिश्चित कराना है। उन्होंने कहा कि ग्रामसभा एक ऐसा माध्यम है जिसके द्वारा ग्रामीण अपनी जरूरतों के अनुसार प्राथमिकता के आधार पर योजनाओं का चयन कर सकते हैं। इसके लिए यह बहुत जरूरी है कि सभी ग्रामीण अनिवार्य रूप से ग्राम सभा में हिस्सा लें। सरकार द्वारा मनरेगा अंतर्गत आम बागवानी, दीदी बाड़ी सहित कई योजनाएं चलाई जा रही हैं जिसका ग्रामीण लाभ लेकर अपना जीवन बदल सकते हैं। इस दौरान उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता सहित अन्य क्षेत्रों में भी किस प्रकार से ग्रामीण अपनी सहभागिता सुनिश्चित कर बेहतर सुविधाएं प्राप्त कर सकते हैं।

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राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सपनों को साकार करने का दिलाया शपथ

रामगढ़ : ग्राम सभा के दौरान विधायक ममता देवी ने सभी को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सपनों को साकार करने के लिए अपने ग्राम पंचायत को खुले में शौच मुक्त करने की पहल करने, ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के लिए आवश्यकता के आधार पर योजना बनाकर कार्य करने, ग्राम पंचायत को सिगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करने, गांव में होने वाले शादी विवाह या कोई भी उत्सव में पत्ते एवं मिट्टी से बनी सामग्रियों का उपयोग करने, प्लास्टिक के कचरे से पानी व मिट्टी को दूषित नहीं होने देने, सिगल यूज प्लास्टिक का उपयोग कम करने के लिए कपड़े से बने थैलों का उपयोग करने, पुराने प्लास्टिक एवं बोतलों का पुन: उपयोग करने, घर के स्तर पर जमा प्लास्टिक को पंचायत स्तर पर बनने वाले प्लास्टिक पृथकीकरण केंद्र में भेजने, पंचायत में जमा किए गए प्लास्टिक को प्रखंड स्तर पर भेजने, पुराने प्लास्टिक को पंचायत के लिए आय का साधन बनाने तथा गांव एवं पंचायत को प्लास्टिक मुक्त बनाने की शपथ दिलाई।


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